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समान नागरिक संहिता पर गृह मंत्री अमित शाह ने दिया बड़ा बयान, कहा- इसके लिए भाजपा प्रतिबद्ध

समान नागरिक संहिता का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में नजर आ रहा है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का...
समान नागरिक संहिता पर गृह मंत्री अमित शाह ने दिया बड़ा बयान, कहा- इसके लिए भाजपा प्रतिबद्ध

समान नागरिक संहिता का मुद्दा एक बार फिर चर्चा में नजर आ रहा है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का इस पर बयान सामने आया है। शाह ने बृहस्पतिवार को कहा सभी लोकतांत्रिक बहसों और चर्चाओं के समाप्त होने के बाद भाजपा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लाने के लिए प्रतिबद्ध है। यूसीसी के बारे में सवाल पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा कि यह जनसंघ के दिनों से ही इस देश के लोगों से भाजपा का वादा है।

उन्होंने कहा, "सिर्फ बीजेपी ही नहीं, संविधान सभा ने भी संसद और राज्यों को उपयुक्त समय पर यूसीसी लाने की सलाह दी थी, क्योंकि किसी भी धर्मनिरपेक्ष देश के लिए कानून धर्म के आधार पर नहीं होने चाहिए। अगर देश और राज्य धर्मनिरपेक्ष हैं, तो कानून कैसे हो सकते हैं।"

उन्होंने दावा किया कि संविधान सभा की इस प्रतिबद्धता को समय के साथ भुला दिया गया। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा "भाजपा को छोड़कर कोई अन्य पार्टी समान नागरिक संहिता के पक्ष में नहीं है। लोकतंत्र में स्वस्थ बहस जरूरी है। इस मुद्दे पर खुली बहस की जरूरत है।"

गृह मंत्रालय ने कहा कि तीन भाजपा शासित राज्यों, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और गुजरात में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीशों की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया गया है, जहां विभिन्न धर्मों के लोग अपने विचार रख रहे हैं।
उन्होंने कहा, "हम इस कवायद के बाद आने वाली सिफारिशों के आधार पर कार्रवाई करेंगे। भाजपा सभी लोकतांत्रिक चर्चाओं के खत्म होने के बाद समान नागरिक संहिता लाने के लिए प्रतिबद्ध है।"

यह पूछे जाने पर कि क्या जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना उनकी सबसे बड़ी सफलता की कहानी है, गृह मंत्री ने कहा कि कोई भी सफलता उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं है क्योंकि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट में मंत्री थे और हर सफलता सरकार की होती है। शाह ने कहा, "वर्षों से यह प्रचारित किया जाता रहा कि अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा था। अब न तो धारा 370 है और न ही 35ए, फिर भी जम्मू-कश्मीर भारत के साथ है।"

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक नई लोकतांत्रिक पीढ़ी आ रही है, जहां 30,000 से अधिक पंच और सरपंच लोकतंत्र को जमीनी स्तर तक पहुंचा रहे हैं। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि 56,000 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है और 2019 के बाद से 80 लाख पर्यटकों ने जम्मू-कश्मीर का दौरा किया है, जो आजादी के बाद सबसे अधिक है।

 

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