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सागर हत्या मामले में पहलवान सुशील कुमार की पुलिस रिमांड 4 दिन बढ़ाई, जाने पुलिस ने कोर्ट में क्या दी दलील

दिल्ली कोर्ट ने छत्रसाल स्टेडियम में 23 वर्षीय सागर की हत्या के मामले में पहलवान सुशील कुमार की पुलिस...
सागर हत्या मामले में पहलवान सुशील कुमार की पुलिस रिमांड 4 दिन बढ़ाई, जाने पुलिस ने कोर्ट में क्या दी दलील

दिल्ली कोर्ट ने छत्रसाल स्टेडियम में 23 वर्षीय सागर की हत्या के मामले में पहलवान सुशील कुमार की पुलिस रिमांड को 4 दिन के लिए बढ़ा दिया है।. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सात दिन की रिमांड मांगी थी। आरोप है कि सुशील कुमार ने 4 मई को अपने साथियों के साथ सागर, भगत और सोनू को लाठी और हॉकी से बुरी तरह पीटा था जिससे उसकी मौत हो गई। मामले में अब तक ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार समेत कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

पुलिस ने कोर्ट से कहा कि दोनों आरोपी पुलिस के साथ जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।पूछताछ के बाद कुछ और जरूरी सबूत मिल सकते हैं जो अभी तक नहीं मिल पाए हैं। आरोपियों की सात गाड़ियां अभी तक जब्त की गई हैं। चार गाड़ियां किसकी हैं, यह पता चल गया है, तीन गाड़ियों की जांच चल रही है। उसका मोबाइल अब तक बरामद नहीं हुआ है। वारदात में 18-20 लोग शामिल हैं। बाकी लोगों को सुशील की निशानदेही से ही पकड़ सकते हैं। सुशील के घर की डीवीआर नहीं मिली है। आरोपियों ने वारदात के समय जो कपड़े पहने थे, वे नहीं मिले हैं। जांच एजेंसी को पूरा मौका मिलना चाहिए जिससे निष्पक्ष जांच हो पाए, इसलिए कस्टडी जरूरी है।

वहीं, सुशील कुमार के वकील ने कस्टडी का विरोध करते हुए कहा कि स्थानीय पुलिस ने कैसे बिना कोर्ट की इजाज़त के क्राइम ब्रांच को सुशील की कस्टडी दे दी। पुलिस ने छह दिन की कस्टडी में क्या किया, कोर्ट को बताए। सोशल मीडिया पर चल रहा है कि पुलिस के पास वारदात का वीडियो है और मोबाइल है। यह वीडियो मीडिया को क्यों दिया गया? इसके लिए कौन जिम्मेदार है। वकील ने कहा कि बाकी आरोपी पहले ही पकड़े गए हैं। पहले उनके साथ बिठाकर सुशील के साथ पूछताछ करने से किसने रोका था। क्या सुशील कुमार की लाइसेंसी पिस्तौल का प्रयोग इस वारदात में हुआ है?  उसे क्यों सीज किया गया। क्या छत्रसाल स्टेडियम के लोगों को डीवीआर देने के लिए पुलिस ने कोई नोटिस दिया है?

पुलिस के पास कस्टडी का कोई ग्राउंड नहीं है केवल मीडिया में पब्लिसिटी के लिए कस्टडी मांग रहे हैं। बचाव पक्ष के वकील को पूछताछ के दौरान वहां रहने दिया जाए। पुलिस को जो वीडियो मिला है उससे छेड़छाड़ कर सकती है। सीडी को प्रिजर्व किया जाए, उसमें कोर्ट के हस्ताक्षर हो। जिसके जवाब में दिल्ली पुलिस के वकील ने कहा कि पुलिस आरोपी पर कोई दबाव नहीं डालती।दिल्ली पुलिस कमिश्नर को ये पूरा अधिकार है कि किस यूनिट को जांच दे।

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