Advertisement

क्या आप जानते हैं 2000 रुपये के नोट की छपाई की लागत ? पढ़िए आंकड़े क्या कहते हैं...

भारतीय रिजर्व बैंक ने जब से 2000 रुपये के नोटों के चलन को वापस लेने का निर्णय लिया है, तभी से लोगों के मन में...
क्या आप जानते हैं 2000 रुपये के नोट की छपाई की लागत ? पढ़िए आंकड़े क्या कहते हैं...

भारतीय रिजर्व बैंक ने जब से 2000 रुपये के नोटों के चलन को वापस लेने का निर्णय लिया है, तभी से लोगों के मन में नोटों की छपाई की लागत सहित कई सवालों ने जन्म ले लिया है। लाजमी है कि कई लोग 2000 रुपये के नोट की छपाई की कीमत जानना चाहते हैं। आइए, इस पर एक नज़र डालते हैं। 

 

ज्ञात हो कि केंद्रीय बैंक ने वर्ष 2016 में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा नए नोट की घोषणा के उपरांत 2000 रुपये के नोटों को छापने का कार्य शुरू किया था। 2000 रुपये के नोटों का चलन सात साल तक निरंतर चलने के पश्चात अब इसके भविष्य पर बड़ा निर्णय लेते हुए नोटों का जीवन चक्र समाप्त कर दिया गया है।

 

केंद्रीय बैंक ने अपने एक बयान में कहा कि 2000 रुपये के 89 प्रतिशत नोट मार्च 2017 से पूर्व छाप लिए गए थे। वर्ष 2018 में 6.73 लाख करोड़ रुपये (प्रचलन में 37.3 प्रतिशत नोटों का गठन) से मार्च 2023 तक प्रचलन में नोटों का मूल्य घटकर 3.62 लाख करोड़ रुपये हो गया (प्रचलन में नोटों का 10.8 प्रतिशत गठन)। 

 

 

2000 रुपये का नोट छापने में कितना खर्च आता है ?

 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब 2000 रुपये के नोट की शुरुआत हुई थी, तब 2000 रुपये के नोट को छापने की लागत करीब 3.20 रुपये थी। इसी से जुड़े एक प्रश्न का राज्यसभा में उत्तर देते हुए सरकार ने 14 मार्च 2017 को कहा था कि 2000 रुपये का नोट छापने में रुपये 3.54 से लेकर रुपए 3.77 तक का खर्च आता है। 

 

गौरतलब है कि सरकार ने 2000 रुपये के नोटों के साथ 500 रुपये के नए नोटों को भी बाजार में उतारा था। सरकार के जवाब के अनुसार, 500 रुपये के नोट को छापने में 2.87-3.09 रुपये का खर्च आता है। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2018-19 के पश्चात 2000 रुपये के नोट नहीं छापे गए हैं। 

 

पिछले साल आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि मार्च 2022 के अंत में 2000 रुपये के अंकित मूल्य वाले 214 करोड़ नोट प्रचलन में थे। इसके अतिरिक्त अन्य नोटों के लिए, हिंदू बिजनेसलाइन (एचबीएल) द्वारा दायर एक आरटीआई से पता चला है कि वित्तीय वर्ष 2019 में 50 रुपये के नोट को प्रिंट करने के लिए 1.24 रुपये की लागत आई थी।

 

इसी तरह 10 रुपये के नोट को छापने में 0.86 रुपये और 20 रुपये के नोट को छापने में 0.87 रुपये का खर्च आता है। आरबीआई ने बताया कि 2000 रुपये के नोटों ने 4-5 साल का जीवन चक्र पूरा कर लिया है। बैंक ने आश्वासन दिया है कि अन्य मूल्यवर्ग के नोट जनता की आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त हैं। बता दें कि आज यानी 23 मई से, जनता 30 सितंबर तक देश में बैंक शाखाओं और 19 आरबीआई क्षेत्रीय कार्यालयों में 2000 रुपये के नोट बदल सकती है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement