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भारत ने पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताई कड़ी आपत्ति, कहा-गिलगिट बाल्टिस्तान को खाली करे

भारत ने गिलगिट बाल्टिस्तान में चुनाव कराने के पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कड़ा विरोध जताया...
भारत ने पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताई कड़ी आपत्ति, कहा-गिलगिट बाल्टिस्तान को खाली करे

भारत ने गिलगिट बाल्टिस्तान में चुनाव कराने के पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कड़ा विरोध जताया है। भारत ने कहा है कि पाक द्वारा कब्जाए गए कश्मीर वाले इस क्षेत्र में पाकिस्तान की न्यायपालिका को फैसला देने का कोई अधिकार नहीं है। वहीं, इस मामले पर गुट निरपेक्ष देशों की एक बैठक में पाकिस्तान का नाम लिए बिना पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि एक तरफ दुनिया कोरोना वायरस महामारी से जंग लड़ रही है और दूसरी तरफ कुछ लोग आतंकवाद जैसे वायरस फैलाने में जुटे हैं।

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के इस फैसले को लेकर कहा कि पाकिस्तान को कई बार बताया जा चुका है कि गिलगिट- बाल्टिस्तान के क्षेत्र समेत पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है। इस्लामाबाद को इन क्षेत्रों में अपने अवैध कब्जे को तुरंत छोड़कर इलाके को खाली कर देना चाहिए। हाल ही के एक आदेश में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इस क्षेत्र में आम चुनाव कराने के लिए गिलगित-बाल्टिस्तान से जुड़े कानून में 2018 में पाकिस्तान सरकार द्वारा किए गए संशोधन को अनुमति दी थी।

'नहीं छिपाया जा सकता अवैध कब्जा'

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "यह साफ तौर पर बताया जा चुका है कि गिलगित और बाल्टिस्तान के क्षेत्रों सहित जम्मू और कश्मीर और लद्दाख सहित गिलगित और बाल्टिस्तान के क्षेत्र भारत का एक अभिन्न अंग हैं। भारत ने इस तरह की कार्रवाइयों को पूरी तरह से खारिज कर दिया जिसमें पाकिस्तान लगातार इस कब्जे वाले क्षेत्र में बदलाव की कोशिश करता रहा है। इसके बजाय, पाकिस्तान को अपने अवैध कब्जे के सभी क्षेत्रों को तुरंत खाली करना चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की हालिया कार्रवाइयां जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेशों के कुछ हिस्सों के "अवैध कब्जे" को न तो छिपा सकती हैं और न ह पिछले सात दशकों से इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए "मानव अधिकारों के उल्लंघन, शोषण और स्वतंत्रता से इनकार" कर सकती हैं।

'कोरोना से मुकाबले के लिए तालमेल बढ़ा है'

गुट निरपेक्ष देशों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "इस संकट के दौरान हमने दिखाया है कि एक वास्तविक जन आंदोलन बनाने के लिए लोकतंत्र, अनुशासन और निर्णायकता एक साथ कैसे आ सकते हैं। भारतीय सभ्यता पूरी दुनिया को एक परिवार के रूप में देखती है। जब हम अपने नागरिकों की देखभाल करते हैं, तो हम अन्य देशों को भी मदद दे रहे हैं।" उन्होंने कहा, " कोरोना वायरस का मुकाबला करने के लिए, हमने अपने निकटवर्ती इलाके में तालमेल को बढ़ावा दिया है और हम कई अन्य लोगों के साथ भारत की चिकित्सा विशेषज्ञता को साझा करने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण का आयोजन कर रहे हैं। अपनी जरूरतों के बावजूद हमने 123 सहयोगी देशों को चिकित्सा आपूर्ति सुनिश्चित की है।" 

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