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उत्तर प्रदेशःसंवरती अयोध्या, नए निर्माण कार्यों ने बदली तस्वीर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 140 किलोमीटर दूर जब आप अयोध्या जाएंगे, तो सड़क की दोनों तरफ अनेक...
उत्तर प्रदेशःसंवरती अयोध्या, नए निर्माण कार्यों ने बदली तस्वीर

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगभग 140 किलोमीटर दूर जब आप अयोध्या जाएंगे, तो सड़क की दोनों तरफ अनेक बदलाव नजर आएंगे। पुरानी तंग सड़कें अब बड़ी और खूबसूरत दिखेंगी। भगवान राम की इस नगरी में प्रवेश करते ही हर तरफ निर्माण कार्य नजर आएगा। दरअसल, सरयू तट पर बसी अयोध्या का विकास देश के सबसे बेहतरीन शहर और दुनिया के सबसे सुंदर धार्मिक स्थल के रूप में किया जा रहा है। राम मंदिर पर नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विकास कार्यों में तेजी आई है। इससे पहले कानूनी दांव-पेंच के कारण इस नगरी को ऐसा वनवास मिला कि विकास के मामले में अयोध्या पिछड़ती गई। पूजा और त्योहारों के मौके पर ही यहां भीड़ नजर आती थी।

प्रदेश की आदित्यनाथ सरकार ने अयोध्या के विकास के लिए बड़ी योजना तैयार की है। फैजाबाद जिले का नाम बदल कर अयोध्या करने के बाद मुख्यमंत्री ने भगवान राम की दुनिया में सबसे ऊंची, 251 फुट की मूर्ति लगवाने की घोषणा की। आदित्यनाथ सरकार के पहले साल से ही यहां दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी बताते हैं, “मुख्यमंत्री ऐसा दीपोत्सव चाहते थे कि अयोध्या भगवान राम के वनवास से लौटने के बाद त्रेता काल के समय की सजी हुई लगे।” इस बार के दीपोत्सव में अयोध्या के सभी नागरिकों ने हिस्सा लिया।

सरकार ने अपनी योजनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए अयोध्या जनपद में सबसे पहले नगर पालिका को खत्म कर नगर निगम का गठन किया और विकास कार्यों के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण बनाया। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राम मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन किया गया।

अयोध्या पहुंचने के लिए 100 करोड़ रुपये की लागत से अयोध्या धाम रेलवे स्टेशन बनाया जाएगा। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने फरवरी 2020 में 13,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले राजमार्ग का शिलान्यास किया था। यह सड़क अयोध्या को लखनऊ-रायबरेली से जोड़ेगी। इसके अलावा रिंग रोड और 84 कोसी परिक्रमा के लिए भी सड़कें बनाई जा रही हैं। बस अड्डे को आधुनिक बनाने के लिए टेंडर निकाला गया है। यहां से सभी राज्यों के लिए बसों की सुविधा होगी। यहां अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने का प्रस्ताव है और इसके लिए भूमि अधिग्रहण का काम शुरू हो गया है।

भविष्य में अयोध्या में बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद है। पर्यटन विभाग का अनुमान है कि 2021 में यहां करीब ढाई करोड़ पर्यटक आएंगे, और 2031 में यह आंकड़ा साढ़े छह करोड़ तक चला जाएगा। इसलिए नए अयोध्या की नींव रखी जा रही है। नया अयोध्या में 10 बड़े राम द्वार होंगे। पर्यटकों के ठहरने के लिए 20 पांच सितारा होटल और 10 हजार रैन बसेरा बनाने की योजना है। सरयू के घाटों को संवारकर नदी में क्रूज चलाने की भी योजना है।

अयोध्या की इस आधुनिक झलक के साथ पौराणिक छवि भी दिखेगी। यहां 100 एकड़ क्षेत्र में थीम पार्क बनाया जाएगा। इस थीम पार्क में राम कथा संग्रहालय, भजन संध्या हॉल, राम लीला अकादमी, शबरी गार्डन और अशोक वाटिका होगी। तीन हजार करोड़ रुपये की लागत से 251 फुट ऊंची भगवान राम की मूर्ति और डिजिटल म्यूजियम भी बनाया जाएगा। इन निर्माण कार्यों के लिए कुछ राशि सीएसआर फंड से इकट्ठा करने की योजना है।

डीएम अनुज झा ने बताया कि शहर के कायाकल्प के लिए 2,000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। उन्होंने बताया कि कुछ काम पूरे हो चुके हैं। भजन संध्या हॉल बन चुका है और इसे बनाने में 20 करोड़ रुपये का खर्च आया है। राम कथा पार्क के विस्तार पर 275 करोड़ रुपये की लागत आई है। सात करोड़ के खर्च से तुलसी उद्यान का विकास कार्य भी पूरा होने को है।

पैदल चलने वालों की सहूलियत और शहर खूबसूरत दिखे इसके लिए सड़कों को संवारा गया है। इस पर 11 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इनके अलावा 10 करोड़ रुपये की लागत से लक्ष्मण किला बनाया गया है। बिजली की लाइनें भूमिगत की गई हैं। पेयजल व्यवस्था सुधारने के लिए लगभग 75 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।

अभी तक जितने काम पूरे हुए हैं, उनसे कई गुना अधिक काम या तो चल रहे हैं या शुरू होने हैं। अयोध्या नगर निगम के गठन के बाद भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की गई है। 343 गांवों को जोड़कर अयोध्या का विस्तार किया जाएगा, जिसमें गोंडा जिले के कई गांव भी शामिल किए गए हैं। बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए एक कमरे वाले 100 फ्लैटों का निर्माण किया जाएगा। 84 कोसी परिक्रमा मार्ग पर पड़ने वाले तीर्थस्थलों का विकास किया जा रहा है। तुलसी उपवन, दिगम्बरी अखाड़ा, गुप्तार घाट, राम की पैड़ी और राजर्षि दशरथ मेडिकल कॉलेज का काम पूरा होने को है। अयोध्या को वैदिक सिटी के रूप में विकसित करने की योजना है। इसके लिए पंचकोसी, चौदहकोसी और चैरासीकोसी परिक्रमा के लिए मार्ग का निर्माण किया जा रहा है।

अयोध्या को अन्य पौराणिक स्थलों से भी जोड़ा जाएगा। राम-जानकी मार्ग बन जाने के बाद सीतामढ़ी से अयोध्या की दूरी पांच से छह घंटे की रह जाएगी। राम वनगमन मार्ग का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। इससे चित्रकूट और अयोध्या का सफर साढ़े तीन से चार घंटे में पूरा किया जा सकेगा।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अयोध्या के विकास को सरकार की बड़ी उपलब्धि मानती है, लेकिन कांग्रेस का कई विंदुओं पर विरोध है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू कहते हैं, “विकास का विरोध नहीं है, विरोध है भेदभाव का, किसानों के साथ अन्याय का। हवाईअड्डा और चार लेन की सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण करने पर एक सामान नीति नहीं है। एयरपोर्ट की जमीन के लिए अलग-अलग गांवों के किसानों को अलग दरों से मुआवजा दिया जा रहा है। परेशान किसान जब विरोध करने जा रहे हैं तो उनको गिरफ्तार किया जा रहा है।”

अयोध्या में विकास की घोषणाओं पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता किरणमय नंदा कहते हैं, “सबको पता है कि जब चुनाव नजदीक हो तो इस तरह के वादे किए जाते हैं। इन घोषणाओं में कौन से चुनावी वादे हैं और कौन से जमीनी, इस पर जनता अपना निर्णय 2022 में सुनाएगी।” फिर भी विकास कार्यों का कुछ लाभ तो प्रदेश और यहां के लोगों को मिलेगा ही। राजनीति शास्त्र के प्रोफेसर ब्रजेश मिश्रा कहते हैं, “उत्तर प्रदेश ने अयोध्या का राजनैतिक महत्व और आंदोलन देखा है। अयोध्या हिंदुओं की आस्था का केंद्र होगा तो देश-विदेश से लोगों के आने के कारण पूरे प्रदेश को इसका लाभ मिलेगा।”

राजनीति से इतर देखें तो यह तो तय है कि करोड़ों हिंदुओं की श्रद्धा का केंद्र अयोध्या विकास की नई सीढ़ी चढ़ने जा रहा है। अभी तो यहां का दीपोत्सव दुनिया के लिए आकर्षण का केंद्र बना है, जल्दी ही पूरी अयोध्या सबके लिए आकर्षक होगी। जब अयोध्या जगमगाएगी तो उसका असर समूचे उत्तर प्रदेश में दिखेगा।

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