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गिरफ्तारी के बाद बोले डॉ. कफील- यूपी पुलिस पर नहीं भरोसा, महाराष्ट्र में ही रहने दिया जाए

डॉक्टर कफील खान ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध किया है कि उन्हें राज्य में रहने दिया जाए...
गिरफ्तारी के बाद बोले डॉ. कफील- यूपी पुलिस पर नहीं भरोसा, महाराष्ट्र में ही रहने दिया जाए

डॉक्टर कफील खान ने गुरुवार को महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध किया है कि उन्हें राज्य में रहने दिया जाए क्योंकि अब उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस पर भरोसा नहीं रहा। उन्होंने यह बात सहर पुलिस स्टेशन से मुंबई की एक अदालत में ले जाने के दौरान कही है। उन्होंने कहा, “गोरखपुर में बच्चों की मौत के मामले में मुझे क्लीन चिट दे दी गई थी। अब वे मुझे फिर से फंसाने  की कोशिश कर रहे हैं। मैं महाराष्ट्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि मुझे यहां रहने दिया जाए।” हालांकि, डॉ. खान को मुंबई की बांद्रा अदालत ने ट्रांजिट रिमांड पर उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को दे दिया है। बता दें, उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने गोरखपुर मेडिकल कॉलेज के ऑक्सीजन काण्ड से चर्चा में आए डॉ. कफील खान को बुधवार को मुंबई से गिरफ्तार कर लिया।

कफील खान को गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज से सस्पेंड कर दिया गया था। उनके ऊपर अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 12 दिसंबर, 2019 को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भड़काऊ बयान देने का आरोप है। गौरतलब है कि कफील खान को 2017 में बीआरडी कॉलेज में  बच्चों की मौत के मामले में सस्पेंड कर दिया गया था।

दिया भड़काऊ भाषण 

स्पेशल टास्क फोर्स के आईजी अमिताभ यश ने बताया कि 12 दिसम्बर 2019 को डॉ. कफील खान ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के बाब-ए-सैयद गेट पर करीब 600 छात्रों की सभा को सम्बोधित किया था। इस दौरान डॉ. कफील ने नागरिकता संशोधन के संबंध में भ्रामक तथ्य बताते हुए भड़काऊ भाषण दिया था। डॉ. कफील ने छात्रों में साम्प्रदायिक भावना भड़काते हुए दूसरे समुदाय के प्रति घृणा उत्पन्न करने वाला बयान दिया था।

'संविधान पर नहीं रह गया भरोसा'

खान के ऊपर आईपीसी की धारा 153-ए के तहत सिविल लाइन्स पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी। उनके खिलाफ दर्ज शिकायत में कहा गया था कि छात्रों को संबोधित करने के दौरान खान ने बिना नाम लिए कहा कि 'मोटाभाई' सबको हिंदू या मुस्लिम बनना सिखा रहे हैं लेकिन इंसान बनना नहीं। उन्होंने आगे कहा कि जब से आरएसएस का अस्तित्व हुआ है, उन्हें संविधान में भरोसा नहीं रह गया। खान ने कहा कि सीएए मुस्लिमों को सेकंड क्लास सिटिजन बनाता है और एनआरसी लागू होने के साथ ही लोगों को परेशान किया जाएगा।

'हमें लड़ना होगा'

खान ने आगे कहा था, 'यह लड़ाई हमारे अस्तित्व की लड़ाई है। हमें लड़ना होगा।' उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस के स्कूलों में बच्चों को बताया जाता है कि दाढ़ी रखने वाले लोग आतंकवादी होते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सीएए लाकर सरकार यह दिखाना चाहती है कि भारत एक देश नहीं है। एफआईआर में कहा गया कि खान ने शांतिपूर्ण माहौल को भंग करने की कोशिश की।

आज मुंबई बाग में बैठक करने वाले थे कफील

डॉक्टर कफील की सोशल मीडिया पोस्ट के मुताबिक, वह मुंबई के मुंबई बाग में 30 जनवरी यानी आज एक बैठक करने वाले थे। मुंबई सेंट्रल इलाके में दिल्ली के शाहीन बाग के तर्ज पर हो रहे एनआरसी और सीएए का विरोध प्रदर्शन 26 जनवरी से लगातार चल रहा है। उसी विरोध प्रदर्शन में अपना समर्थन जताने के लिए डॉक्टर खान मुंबई आए थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल मुंबई उत्तर प्रदेश की पुलिस डॉक्टर खान को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

गोरखपुर कांड के बाद से चर्चा में आए कफील खान

गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 के दौरान ऑक्सीजन की कमी से 70 बच्चों की मौत होने के मामले में डॉ. कफील को दोषी ठहराया गया था। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था. इनके खिलाफ कई केस भी दर्ज हैं। कफील खान कुछ दिन पहले दिल्ली के शाहीनबाग में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में भी शामिल हुए थे।

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