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चीनी एक्सपोर्ट सब्सिडी को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, खुलेंगे 75 नए मेडिकल कॉलेज

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को मेडिकल एजुकेशन के विस्तार, चीनी एक्सपोर्ट सब्सिडी समेत कई फैसलों को...
चीनी एक्सपोर्ट सब्सिडी को मोदी कैबिनेट की मंजूरी, खुलेंगे 75 नए मेडिकल कॉलेज

केंद्रीय कैबिनेट ने बुधवार को मेडिकल एजुकेशन के विस्तार, चीनी एक्सपोर्ट सब्सिडी समेत कई फैसलों को मंजूरी दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक में 24,000 करोड़ रुपये खर्च से 75 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने को मंजूरी दी। ये मेडिकल कॉलेज अगले 3 साल में खोले जाएंगे और इसके लिए उन इलाकों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां मेडिकल कॉलेज नहीं हैं। 

चीनी एक्सपोर्ट सब्सिडी का ऐलान

सरकार ने बुधवार को चीनी निर्यात के लिए 6,268 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंजूरी दी है। इसके तहत मार्केटिंग वर्ष 2019-20 में 60 लाख टन चीनी के निर्यात का लक्ष्य रखा गया है। मार्केटिंग वर्ष 2019-20 अक्टूबर से शुरू होगा। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में चुनावों के मद्देनजर किसानों के भारी बकाए को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। निर्यात पर सब्सिडी देने का मकसद किसानों के भारी भरकम गन्ना बकाए का भुगतान करने में चीनी मिलों की सहायता करना है।

कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर और पीयूष गोयल ने मीटिंग में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। जावडेकर ने बताया, 'गन्ना किसानों को 60 लाख मीट्रिक टन शक्कर निर्यात करने के लिए एक्सपोर्ट सब्सिडी देने का फैसला लिया गया है। 6,268 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। यह राशि सीधे किसान के खाते में जाएगी। इससे लाखों गन्ना किसान लाभान्वित होंगे। गन्ना किसानों को अब नुकसान नहीं होगा।' उन्होंने बताया कि देश में 162 लाख मीट्रिक टन शक्कर का सरप्लस स्टॉक है। इसमें से 40 लाख मीट्रिक टन बफर स्टॉक रखा गया है।

अगले 3 साल में 75 नए मेडिकल कॉलेज

जावडेकर ने बताया, 'कैबिनेट मीटिंग में 24,000 करोड़ रुपये खर्च से 75 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने को मंजूरी दी गई। इससे 15,700 नई मेडिकल सीटें बनेंगी। जिन क्षेत्रों व जिलों में मेडिकल कॉलेज नहीं हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी। पिछले 5 साल में मेडिकल पीजी और एमबीबीएस की 45 हजार सीटें बढ़ाई गई हैं। पिछले 5 साल में 82 मेडिकल कॉलेज मंजूर किए गए और अब अगले 3 साल में 75 नए मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। दुनिया में मेडिकल एजुकेशन का ऐसा विस्तार कहीं नहीं हुआ है। ग्रामीण इलाकों में भी डॉक्टरों की उपलब्धता ज्यादा होगी।'

कोल माइनिंग, कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग में 100 फीसदी एफडीआई का फैसला

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि कैबिनेट मीटिंग में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) से जुड़े नियमों और प्रावधानों के उदारीकरण के लिए भी कई फैसले लिए गए। उन्होंने कहा, '2014 से 2019 के बीच 286 अरब डॉलर का रेकॉर्ड एफडीआई भारत आया है। उसके पहले के 5 सालों में यह आंकड़ा 189 अरब डॉलर था। 2018-19 के अंतरिम आंकड़ों में 64 अरब डॉलर का एफडीआई आया। एफडीआई के उदारीकरण और लचीलेपन की दिशा में काम किया जा रहा है।'

गोयल ने कहा कि भारत को निवेश का आकर्षक केंद्र बनाने के लिए कैबिनेट मीटिंग में कुछ अहम फैसले लिए गए। कोल माइनिंग में 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी गई है। भारत को मैन्यूफैक्चरिंग हब के तौर पर बनाने का मौका है। उन्होंने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट मैन्यूफैक्चरिंग में 100 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि प्रिंट मीडिया की तरह ही अब डिजिटल मीडिया में भी 26 प्रतिशत एफडीआई को मंजूरी दी गई है।

कैबिनेट बैठक में जेटली को दी गई श्रद्धांजलि

प्रकाश जावडेकर ने बताया कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक की शुरुआत में अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी गई और यूएई में पीएम मोदी को मिले सम्मान के लिए प्रधानमंत्री को बधाई दी गई।

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