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सीबीआई के बाद अब आरबीआई में तनातनी, एसोसिएशन ने कहा- बैंक की आजादी बरकरार रखे सरकार

देश की बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के दो शीर्ष अधिकारियों के बीच की लड़ाई के...
सीबीआई के बाद अब आरबीआई में तनातनी, एसोसिएशन ने कहा- बैंक की आजादी बरकरार रखे सरकार

देश की बड़ी जांच एजेंसी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के दो शीर्ष अधिकारियों के बीच की लड़ाई के सार्वजनिक होने से केंद्र सरकार कई तरह के सवाल पहले ही खड़े हो चुकी है। अभी ये मसला सुलझा भी नहीं था कि अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की तरफ से नई मुसीबत आ रही है। आरबीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने सरकार पर रिजर्व बैंक के कामकाज में दखल देने का आरोप लगाया है। साथ ही ऐसा बंद नहीं होने पर इसके बुरे परिणाम भुगतने की चेतावनी भी दी है।

सरकार और केंद्रीय बैंक के बीच गहराते विवाद के बीच सोमवार को आरबीआई का कर्मचारी संगठन (एआइआरबीईए) भी इसमें शामिल हो गया है। आरबीआई बैंक के कर्मचारी यूनियन ने चिट्ठी लिखी है कि सरकार के द्वारा बैंक की स्वायत्तता को खतरा पहुंचाया जा रहा है। आम तौर पर हर मुद्दे पर आरबीआई प्रबंधन का विरोध करने वाले एआइआरबीईए ने पिछले शनिवार को दिए गए डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के बयान का भी समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने संकेतों में सरकार की दखलअंदाजी को लेकर आलोचना की थी।

सरकार द्वारा RBI की स्वायत्तता को खतरा

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, आरबीआई बैंक के कर्मचारी यूनियन ने चिट्ठी लिखकर कहा है कि सरकार की तरफ से बैंक की स्वायत्तता को खतरा पहुंचाया जा रहा है। कर्मचारियों ने डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य के उस बयान का भी समर्थन किया है, जिसमें उन्होंने सरकार की दखलअंदाजी को लेकर कामकाज किया था।

स्वायत्ता को नजरअंदाज करना विनाशकारी

आरबीआई के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने एक बार फिर मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा था कि केंद्रीय बैंक आरबीआई कोई सरकारी विभाग नहीं है। और सरकार को इसे अर्थव्यवस्था में सुधार लाने से ज्यादा इसको स्वायत्तता देने की जरूरत है। डिप्टी गवर्नर ने कड़े शब्दों में कहा था कि केंद्रीय बैंक की स्वायत्तता को नजरअंदाज करना विनाशकारी हो सकता है। उन्होंने ये भी कहा कि अगर सरकार आरबीआई की स्वायत्तता का सम्मान नहीं करेंगी तो उन्हें बाजार के गुस्से का सामना करना पड़ेगा।

आरबीआई की नीतियां नियमों पर आधारित होनी चाहिए: विरल आचार्य

विरल आचार्य ने कहा कि आरबीआई की नीतियां नियमों पर आधारित होनी चाहिए। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार चुनाव जैसे मुद्दों को ध्यान में रखकर टी-20 वाली सोच के साथ फैसले लेती है, लेकिन आरबीआई को टेस्ट मैच खेलना पसंद है। क्योंकि बैंक का इरादा भी हमेशा जीतने का रहता है, लेकिन साथ-साथ भविष्य की चुनौतियों पर भी बैंक की नजर रहती है।

राहुल ने भी मोदी सरकार को लिया आड़े हाथों

इस पूरे मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को कहा कि यह देखना सुखद है कि आखिरकार भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल केंद्रीय बैंक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ‘बचा रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि देश भाजपा-आरएसएस को संस्थाओं पर कब्जा नहीं करने देगा।

आरबीआई के बचाव में आने में कोई विशेष देरी नहीं हुई: राहुल गांधी

पटेल और ‘टीम मोदी’ के बीच टकराव की खबरों के बाद गांधी ने कहा कि गवर्नर के आरबीआई के बचाव में आने में कोई विशेष देरी नहीं हुई है। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘यह अच्छा है कि आखिरकार पटेल आरबीआई को ‘मिस्टर 56’ से बचा रहे हैं। कभी नहीं से विलंब बेहतर, भारत भाजपा/आरएसएस को हमारी संस्थाओं पर कब्जा नहीं करने देगा’।

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