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शाहीन बाग: तीसरे दिन भी नहीं बनी बात, प्रदर्शनकारी बोले- दिल्ली-नोएडा के लिए सिर्फ यही सड़क नहीं

शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से बातचीत का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को एक बार फिर...
शाहीन बाग: तीसरे दिन भी नहीं बनी बात, प्रदर्शनकारी बोले- दिल्ली-नोएडा के लिए सिर्फ यही सड़क नहीं

शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से बातचीत का सिलसिला जारी है। शुक्रवार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त वार्ताकार वार्ताकार संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और वजाहत हबीबुल्लाह लगातार तीसरें दिन शाहीन बाग पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से बातचीत की जिसके बाद वार्ताकारों से प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं से कहा कि जब इलाके में आसपास की कई सड़कें खुली हैं, जो दिल्ली और नोएडा को जोड़ती है, तो फिर उन्हें दूसरी जगह जाने के लिए क्यों कहा जा रहा हैं।

बीते 60 दिनों से ज्यादा समय से जारी इस प्रदर्शन को खत्म करने के लिए वार्ताकारों ने पिछले दिनों भी बातचीत की लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला। जिसके बाद वार्ताकारों ने गुरुवार को कहा था कि 10 से 15 प्रदर्शनकारियों के एक समूहों में बातचीत की जाएगी। वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों से कहा, “आज शिवरात्रि है। बोलना आपका अधिकार है। आप जो कहना चाहते हैं वह सब बोलें। आइए, सभी लोग मिलकर एक संयुक्त निर्णय लें”। जिसके बाद वार्ताकारों ने प्रदर्शनकारियों से चर्चा के दौरान दिल्ली पुलिस को भी बुलाया।

बता दें, गुरुवार की बातचीत के बाद वार्ताकारों ने एक वीडियो जारी कर पूरे घटनाक्रम का ब्योरा सामने रखा था। पूरी बातचीत में दोनों वार्ताकारों ने आंदोलनकारियों को भरोसा दिलाने की कोशिश की और सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा रखने की नसीहत भी दी।

'मां के पांव तले जन्नत होती है'

प्रदर्शनकारियों से बातचीत करते हुए दूसरे दिन वार्ताकारों ने कहा, मुझे एक कहावत याद आ रही है कि मां के पांव तले जन्नत होती है, सभी मांओं, बहनों को जो उम्र में बड़ी हैं, उनकी बातें पहले सुनेंगे और उसके बाद एक-एक कर आप अपनी बातें रख सकते हैं। एक घंटे तक आपकी बातें सुनेंगे और हम लोग लगातार 4 दिन यहां आपकी बातें सुनने के लिए आते रहेंगे। हेगड़े ने कहा कि हम केवल सुनने के लिए ही नहीं, इस प्रदर्शन को समझने के लिए आए हैं। हम आपकी बातें ज्यादा सुनेंगे, अपनी बातें कम रखेंगे।

'संविधान में हम सबका हक है'

वार्ताकार साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों से सवाल पूछते हुए कहा कि आप मानते हैं कि हम सब नागरिक हैं और क्या आप मानते हैं कि संविधान में हम सबका हक है। हल भी हम सबको मिलकर निकालना चाहिए। क्या यह रास्ता खुलना नहीं चाहिए। आपकी आवाज भी बुलंद और बरकरार रहनी चाहिए। एक छोटा सा हल हमें निकालना है कि रोड भी खुल जाए और लोग इस्तेमाल करें। उसके बाद प्रदर्शनकारियों की तरफ से जोरदार ना की आवाज आते हुए बोला कि रोड तो तब तक नहीं खुलेगी जब तक सीएए, एनआरसी और एनपीआर पर सरकार पीछे नहीं हटती है।

सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा

बता दें कि सोमवार को शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी कानून के खिलाफ प्रदर्शन करना लोगों का मौलिक अधिकार है। लेकिन सड़क को ब्लॉक किया जाना चिंता का विषय है और अवश्य ही संतुलन बनाए जाने की जरूरत है। यही तरीका अगर अन्य समूह भी अपनाएंगे तो अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो जाएगी।

कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रहे लोगों से बात करने और उन्हें वैकल्पिक स्थल पर जाने को मनाने को कहा, जहां कोई सार्वजनिक स्थल ब्लॉक न हो।

सोमवार को कोर्ट के फैसले के बाद क्या बोले थे संजय हेगड़े

इससे पहले सोमवार को संजय हेगड़े से दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों ने मुलाकात की। वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने कहा था कि मंगलवार को साधना रामचंद्रन दिल्ली में नहीं होंगी। लिहाजा औपचारिक बातचीत शुरू नहीं हो पाएगी। हेगड़े ने कहा था कि अगर ज्यादा जरूरी हुआ भी तो वो मंगलवार को अनौपचारिक तौर पर ही शाहीनबाग में धरनास्थल पर जाएंगे। तब वहां प्रदर्शनकारियों से अनौपचारिक बातें ही होंगी। बुधवार को औपचारिक वार्ता तो सबकी मौजूदगी में ही होगी।

दो महीनों से जारी है प्रदर्शन

बता दें कि पिछले करीब दो महीनों से सीएए और एनआरीस के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन हो रहा है। सीएए-एनआरसी को विरोध में सैंकड़ों लोग शाहीन बाग में डेरा डाले हुए हैं, जिनके प्रदर्शनों वजह से एक मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो गया है, जिसके कारण शहर में यातायात की समस्या पैदा हो गई है। शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वालों में ज्यादातर महिलाएं हैं।

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