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चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पुरानी रणनीतिक जरूरत, मिलेगा फायदा: पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल जेजे सिंह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से तीनों सेनाओं (जल, थल, वायु)...
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पुरानी रणनीतिक जरूरत, मिलेगा फायदा: पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल जेजे सिंह

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 73वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से तीनों सेनाओं (जल, थल, वायु) के लिए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सैन्य रिफॉर्म पर लंबे समय से चर्चा हो रही है। हमारी तीनों सेनाओं के बीच सामंजस्य है। इस पर हमें गर्व है लेकिन आज जैसे दुनिया बदल रही है, युद्ध के दायरे बदल रहे हैं, टेक्नोलॉजी बदल रही है, भारत को टुकड़ों में नहीं सोचना होगा। तीनों एक साथ एक ऊंचाई पर आगे बढ़ें। हमने निर्णय किया है कि हम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद का गठन करेंगे। इसके जरिए तीनों सेनाओं के ऊपर एक स्थायी नेतृत्व मिलेगा।

इसे लेकर पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल जेजे सिंह ने आउटलुक से बातचीत में कहा, ‘चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) की घोषणा प्रधानमंत्री ने की है। यह तीनों सेनाओं का नेतृत्व करेगा और संभवत: यह डिफेंस की सबसे बड़ी पोस्ट होगी जो कि अभी सम्मान के तौर पर भारत के राष्ट्रपति के पास होती है। पीएम द्वारा सीडीएस की नियुक्ति का फैसला एक लंबी रणनीतिक जरूरत है और इसकी भरपूर प्रशंसा की जानी चाहिए।‘

पुरानी है चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की मांग

1999 में हुए कारगिल युद्ध के बाद जब 2001 में तत्कालीन डिप्टी पीएम लाल कृष्ण आडवाणी की अध्यक्षता में गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने समीक्षा की तो पाया कि तीनों सेनाओं के बीच समन्वय की कमी रही. अगर तीनों सेनाओं के बीच ठीक से तालमेल होता तो नुकसान को काफी कम किया जा सकता था। उस वक्त चीफ ऑफ डिफेंस (सीडीएस) पद बनाने का सुझाव दिया गया, जिसका आज करीब 20 साल बाद 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया है। हालांकि तब वाजपेयी सरकार में मंत्रियों के समूह की सिफारिश पर सेना के तीनों अंगों के बीच सहमति न बन पाने के कारण इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था।

हालांकि बाद में बीच का रास्ता निकालते हुए तीनों सेनाओं के बीच उचित समन्वय के लिए चीफ्स ऑफ स्टाफ कमिटी (CoSC) का पद सृजित किया गया। हालांकि इसके चेयरमैन के पास कोई खास शक्ति नहीं होती, बस वह तीनों सेनाओं के बीच तालमेल करता है। फिलहाल एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयमैन हैं। कुछ समय बाद चीफ ऑफ डिफेंस का स्थायी पद बनाने की फिर मांग उठी। रक्षा मंत्री रहने के दौरान मनोहर पर्रिकर ने भी दावा किया था कि दो साल के अंदर सेना में चीफ ऑफ डिफेंस का पद बनेगा। अब जाकर स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी ने इसका ऐलान किया है। इसके बन जाने से युद्ध के वक्त तीनों सेनाओं तालमेल के साथ काम कर सकेंगी। माना जाता है कि सिंगल प्वॉइंट से आदेश जारी होने से सेनाओं की मारक क्षमता और प्रभावी होगी क्योंकि तब सेना के तीनों अंगों के बीच किसी तरह की कोई दुविधा नहीं होगी।

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