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यूपी मिड-डे मील मामले में पत्रकार के खिलाफ FIR का विरोध, एडिटर्स गिल्ड ने बताया क्रूर कदम

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने उत्तर प्रदेश सरकार की मिर्जापुर के स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ...
यूपी मिड-डे मील मामले में पत्रकार के खिलाफ FIR का विरोध, एडिटर्स गिल्ड ने बताया क्रूर कदम

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने उत्तर प्रदेश सरकार की मिर्जापुर के स्थानीय पत्रकार पवन जायसवाल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की कड़ी निंदा की है। एडिटर्स गिल्ड ने पत्रकार के खिलाफ की गई कार्रवाई को पत्रकारों के खिलाफ उठाया गया क्रूर और निंदनीय कदम बताया है। साथ ही कहा है कि लोकतांत्रिक समाज में भी निर्भीक पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है। गिल्ड का कहना है कि यह चकित करने वाला है कि जो कुछ गड़बड़ी है उसे ठीक करने के बजाय सरकार ने पत्रकार के खिलाफ केस दर्ज करा दिया। साथ ही गिल्ड ने हाल ही में पत्रकारों की विदेश जाने से रोकने पर भी चिंता जतायी है। 

क्या है मामला

मिर्जापुर के प्राइमरी स्कूल के बच्चों को नमक के साथ रोटी खिलाने का मामला सामने आया था। यहां एक प्राथमिक स्कूल में मिड-डे मील योजना के तहत बच्चों को नमक-रोटी खिलाये जाने की खबर छापने वाले पत्रकार और ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि समेत कई लोगों के खिलाफ सरकार की छवि खराब करने के 'कुत्सित प्रयास' के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।

पुलिस विभाग के अधिकारी ने सोमवार को बताया कि एक हिन्दी दैनिक के स्थानीय पत्रकार पवन कुमार जायसवाल, ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि राजकुमार पाल तथा अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ साजिश रचने, सरकारी काम में बाधा डालने, झूठी बातों को तथ्य के तौर पर पेश करने और धोखाधड़ी कर सरकार की छवि खराब करने के 'कुत्सित प्रयास' के आरोप में अहिरौरा थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

सरकार को बदनाम करने का लगाया गया आरोप

यह मुकदमा पिछली 31 अगस्त को खण्ड शिक्षाधिकारी प्रेम शंकर राम की तहरीर पर दर्ज किया गया है। मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि पत्रकार पवन ने सोची-समझी साजिश के तहत स्कूल में वीडियो तैयार किया ताकि सरकार को बदनाम किया जा सके। गत 22 अगस्त को मिर्जापुर के जमालपुर विकास खण्ड स्थित सियूर प्राथमिक विद्यालय की इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद जिला प्रशासन ने इसकी जांच करायी थी और प्रथम दृष्ट्या दोषी पाये जाने पर दो शिक्षकों मुरारी और अरविंद कुमार त्रिपाठी को निलम्बित किया था।

क्या है वीडियो में

अब इसी मामले का खुलासा करने वाले पत्रकार तथा अन्य लोगों पर दर्ज मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि राजकुमार को जानकारी थी कि घटना के दिन स्कूल में सिर्फ रोटी ही बनी है मगर उसने सब्जी का इंतजाम कराने के बजाय पत्रकार पवन जायसवाल को बुलाया, जिसने रसोइयों द्वारा बच्चों को केवल रोटी नमक खिलाते हुए वीडियो बना लिया और उसे एक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया एजेंसी को भेज दिया। इस वीडियो में एक महिला बच्चों को रोटी दे रही है और एक व्यक्ति उनकी थाली में नमक परोस रहा है।

क्या है मिड-डे मील योजना

मध्याह्न भोजन योजना (मिड-डे मील) के तहत परिषदीय स्कूलों में बच्चों को मेन्यू के हिसाब से दाल, चावल, रोटी, सब्जी, फल और दूध दिये जाने की व्यवस्था है, ताकि उन्हें बेहतर पोषण मिल सके। इस योजना को इस तरह से तैयार किया गया है कि हर बच्चे को प्रतिदिन न्यूनतम 450 कैलोरी मिले। इसमें रोजाना 12 ग्राम प्रोटीन भी शामिल होना चाहिये।

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