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कश्मीर में दुकानें सील करके धमकियों के पोस्टर लगा रहे आतंकी, प्रसाशन को खुली चुनौती

आतंकी संगठन दुकानों को जबरन बंद करवाकर और धमकी भरे पोस्टर लगाकर घाटी में भय का माहौल बनाने का प्रयास कर...
कश्मीर में दुकानें सील करके धमकियों के पोस्टर लगा रहे आतंकी, प्रसाशन को खुली चुनौती

आतंकी संगठन दुकानों को जबरन बंद करवाकर और धमकी भरे पोस्टर लगाकर घाटी में भय का माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। प्रशासन की तमाम सख्ती के बावजूद आतंकी दुकानों में घुसकर धमकियां दे रहे हैं और बंद करने की धमकियां दे रहे हैं। वे दुकानों को टेप से सील भी कर रहे हैं।

अधिकार ने माना- बेकाबू हो सकते हैं हालात

जम्मू कश्मीर की पुलिस इस मामले में आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से बच रही है। हालांकि अधिकारी गोपनीयता की शर्त पर कहते हैं कि हालात नियंत्रण से बाहर हो सकते हैं। अधिकारियों के अनुसार आतंकियों द्वारा दुकानों, मस्जिदों और दूसरे कार्यालयों में छपे हुए और हाथ से लिखे पोस्टर लगाकर आदेश दिए जा रहे हैं। कश्मीर घाटी में इस तरह की घटनाएं काफी हो रही हैं।

दुकानें बंद रखने की चेतावनी

इस तरह की घटनाएं सामने आई हैं कि हथियारबंद आतंकी दुकानों में घुस गए और विक्रेताओं को दुकानें बदं रखने की धमकियां दीं। दक्षिणी कश्मीर में आतंकी जम्मू कश्मीर बैंक की शाखाओं में घुस गए और कर्मचारियों को काम पर न आने की चेतावनी दी। दक्षिणी कश्मीर स्थित कुलगाम जिले के मोदरीगाम गांव की दो दुकानों को आतंकियों ने हाल में टेप लगाकर सील कर दिया। दुकान के बाहर प्रतिबंधित आतंकी संगठन हिज्बुल मुहाजिदीन की मुहर भी लगा दी गई। इस घटना से पूरे क्षेत्र में आतंक फैल गया।

श्रीनगर में भी दी लास्ट वार्निंग

अधिकारियों के अनुसार इस तरह के घटनाएं सिर्फ दूरदराज के गांवों में नहीं हो रही है। या फिर कोई एक आतंकी संगठन ही नहीं कर रहा है। श्रीनगर के सिविल लाइंस क्षेत्र में करन नगर  मार्केट में दो दुकानों पर एलडब्ल्यू शब्द लिखा मिला। इसके साथ भी हिज्बुल मुहाजिदीन की मुहर भी लगी थी। पुलिस का अनुमान है कि एलडब्ल्यू शब्द का अर्थ लास्ट वार्निंग से हैं। ये दोनों दुकानें खोली जाने लगी थीं।

सुरक्षा को लेकर दुकानदार चिंतित

एक विक्रेता ने अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर बतायाकि हम मार्केट खोलना चाहते हैं लेकिन जब हम घर चले जाएं, तब सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा। हमने निजी स्तर पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से भी बात की लेकिन समस्या का को समाधान नहीं निकला है।

पुलिस क्यों नहीं रोक पा रही आतंकियों को

पिछले पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 हटने के बाद से बाजार और दूसरे कारोबारी प्रतिष्ठान बंद हैं और सड़कों पर ट्रैफिक भी बहुत कम है। लोग घरों में ही कैद हैं। संचार साधनों पर प्रतिबंध होने से भी आम जनजीवन लगभग ठप है। आतंकियों की धमकियों पर एक विक्रेता ने सवाल उठाया कि पुलिस प्रभावी क्यों नहीं हो पा रही है। आतंकियों की इन गतिविधियों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है।

भयभीत दुकानदार घरों में रहने को मजबूर

मध्य कश्मीर के गंदेरबल और श्रीनगर के फताकेडाल क्षेत्र में आतंकी संगठन अल बदर की ओर से पोस्टर लगाए गए, जिनमें कहा गया कि पुलिसकर्मियों के परिवारों का सामाजिक बहिष्कार किया जाए। कई पुलिस अधिकारी कहते हैं कि पोस्टर रात के समय लगाए गए जब कम सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। एक अन्य घटना श्रीनगर के बेमिना बाजार में हुई। वहां अंग्रेजी में मूसा बाबा ग्रुप की ओर से एक दुकान पर पोस्टर लगाकर कहा गया दुकानदार सुबर 8.30 बजे तक आवश्यक वस्तुएं बेचें। अधिकारियों ने माना कि इस तरह के पोस्टर प्रशासन लगाकर प्रशासन को चुनौती दी जा रही है। बहुत से लोग इन्हें गंभीरता से ले रहे हैं और घर पर ही रुकना बेहतर समझ रहे हैं।

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