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आरुषि-हेमराज हत्याकांड में तलवार दंपति बरी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड में डॉ. राजेश तलवार और नुपूर तलवार को बरी कर...
आरुषि-हेमराज हत्याकांड में तलवार दंपति बरी

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बहुचर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड में डॉ. राजेश तलवार और नुपूर तलवार को बरी कर दिया है। आज आए फैसले में सीबीआई के उस फैसले को रद्द कर दिया जिसमें इस डॉक्टर दंपति को अपनी बेटी और नौकर की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था और उम्र कैद की सजा दी गई थी। यह हत्या मई 2008 में नोएडा के जलवायु विहार में हुई थी।  इस बीच, सीबीआइ ने कहा कि वह कोर्ट के फैसले की कापी का इंतजार कर रहा है। इसे पढ़ने के बाद ही आगे क्या कदम उठाया जाया तय होगा। दूसरी ओर, डासना जेल के जेलर दधिराम मौर्या ने बताया कि फैलले के बाद तलवार दंपति ने खुशी जताई है और कहा कि उन्हें न्याय मिला।


जस्टिस बीके नारायण और जस्टिस एके मिश्रा की डिवीजन बेंच ने दंपति की याचिका पर कहा कि जिस तरह की परिस्थिति और साक्ष्य रिकॉर्ड किए गए उससे यह साबित नहीं होता कि तलवार दंपति इस हत्या में शामिल थे।। खचाखच भरे कोर्ट रूम में जजों ने इन्हें सबूतों के अभाव में बरी करने का फैसला दिया।

फैसले के बाद तलवार दंपति के वकीलो में शामिल रेबेका जॉन ने बताया कि वे संभवतः कल जेल से बाहर आ जाएंगे।  फिलहाल राजेश और नुपूर तलवार गाजियाबाद की डासना जेल में बंद हैं। ये दोनों नोएडा के नामी दंत रोग विशेषज्ञ रहे हैं।

फैसले के बाद नुपूर तलवार के पिता बीजी चिटनिस ने न्यायपालिका के प्रति आभार जताते हुए कहा कि मैंने उनकी पीड़ा देखी है। यह काफी कठिन समय था। जबकि राजेश तलवार की रिश्तेदार वंदना तलवार ने कहा कि फैसले से काफी राहत मिली है। हमने दस साल तक काफी बुरे हालात का सामना किया है।

14 साल की आरुषि तलवार नोएडा के दिल्ली पब्लिक स्कूल में पढ़ती थी। उसकी लाश 16 मई, 2008 की सुबह नोएडा के जलवायु विहार के फ्लैट नंबर एल-132 में मिली थी। उसका गला रेता गया था। उसकी हत्या का शक घरेलू नौकर हेमराज पर था। पर अगले दिन उसकी भी लाश फ्लैट के छत पर मिली थी। इन दोनों हत्याओं के बाद कातिल का पता करने के लिए पुलिस ने काफी हाथ-पैर मारे थे। बाद में 23 मई को पुलिस ने डॉ. राजेश तलवार को बेटी और नौकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया था। बाद में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी। जांच के बाद गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने 26 नवंबर, 2013 को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद से तलवार दंपति जेल में बंद हैं।

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