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सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार को नहीं मिली राहत, एम्स से चार हफ्ते में मांगी रिपोर्ट

1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में जेल की सजा काट रहे सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है।...
सिख विरोधी दंगा मामले में सज्जन कुमार को नहीं मिली राहत, एम्स से चार हफ्ते में मांगी रिपोर्ट

1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में जेल की सजा काट रहे सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। उनकी जमानत याचिका पर कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड के गठन का आदेश दिया है तथा एम्स से उनके स्वास्थ्य पर चार हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है।

इस मामले पर सिख दंगा पीड़ितों के वकील एचएस पूलका ने कहा कि सज्जन कुमार पिछले 10 महीनों से जेल में है। उनके वकीलों ने कहा कि उनके स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की मांग की थी। कोर्ट ने इस मामले पर एम्स से रिपोर्ट मांगी है जिसके बाद ही जमानत पर विचार किया जाएगा।

सेहत के आधार पर मांगी थी जमानत

सज्जन कुमार की तरफ से कहा गया कि उनका आठ से 10 किलोग्राम वजन घट गया है। वह कई बीमारियों से पीड़ित हैं और उनकी सेहत गंभीर रूप से खराब है। इस पर पीठ ने कहा कि वजन कम होने का मतलब यह नहीं कि वह अस्वस्थ हैं। हमारी राय है कि एम्स के निदेशक द्वारा गठित डॉक्टरों की एक टीम सज्जन कुमार की स्वास्थ्य स्थिति की जांच करे और चार हफ्ते के अंदर रिपोर्ट दाखिल करें।  

ये है पूरा मामला

सज्जन कुमार को 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद सज्जन कुमार ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। सज्जन कुमार और पांच अन्य ने 31 अक्टूबर 1984 को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद दिल्ली में कैंट के राजनगर क्षेत्र में एक परिवार के पांच सदस्यों- केहर सिंह, गुरप्रीत सिंह, रघुवेंदर सिंह, नरेंद्र पाल सिंह और कुलदीप सिंह की हत्या करने वाली भीड़ को उकसाने की कोशिश की थी। साल 2005 में जस्टिस नानावती आयोग की सिफारिश पर सज्जन कुमार और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

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