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सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को पीएचडी की मानद उपाधि से किया गया सम्मानित

आउटलुक टीम - AUG 06 , 2022
सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को  पीएचडी की मानद उपाधि से किया गया सम्मानित
सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को पीएचडी की मानद उपाधि से किया गया सम्मानित
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आउटलुक टीम

सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली की सिफारिश पर पीएचडी की मानद उपाधि प्रदान की गई। सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार को समाज के गरीब, वंचित, पिछले वर्ग के बच्चों को पढ़ाने और उन्हें आईआईटी जैसे विश्वस्तरीय संस्थान की प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण कराने के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। समाज के पिछले वर्ग के बच्चों के जीवन को समृद्ध बनाने के अपने इसी योगदान के कारण, आनंद कुमार को केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली के दीक्षांत समारोह के मौके पर विज्ञान भवन में, पीएचडी की मानद उपाधि से सम्मानित किया। इस मौके पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी दिल्ली के निदेशक अजय शर्मा भी मौजूद रहे। 

 

केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष सरकार ने आनंद कुमार को सम्मानित करते हुए कहा कि आनंद कुमार का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। आनंद कुमार ने अपने काम से अनगिनत युवाओं का जीवन बदल दिया है और इस नाते यह गर्व की बात है कि उन्हें पीएचडी की मानद उपाधि से विभूषित किया जा रहा है। 

 

आनंद कुमार ने पीएचडी सम्मान को ग्रहण करते हुए कहा कि यह मानद उपाधि उन्हें जीवन में और बेहतर तरीके से युवाओं को आगे बढ़ाने में हमेशा प्रोत्साहित करेगी। उन्होंने कहा कि वह तकनीक का इस्तेमाल कर के अधिक से अधिक युवाओं तक पहुंचना चाहते हैं और समाज के गरीब, वंचित तबके के बच्चे को मुख्यधारा का जीवन देना चाहते हैं। यह शिक्षा से ही संभव हो सकता है। आनंद कुमार के काम ने कई लोगों को प्रभावित किया है। यही कारण है कि उनके जीवन पर आधारित फिल्म और किताबें लिखी जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त आनंद कुमार को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान भी हासिल हो चुके हैं। 

 

कोविड 19 के समय जब सभी स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान बंद कर दिए गए थे, तब आनंद कुमार ने अपने सोशल मीडिया मंचों, अखबारों से लगातार छात्रों से संपर्क साधने और उनके निरंतर मार्गदर्शन का काम किया था। उन्होंने महामारी के दौरान लगातार अपने कॉलम के माध्यम से युवाओं को दिशा दी और उनके इस प्रयास को सराहा गया।

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