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मालेगांव ब्लास्ट केस में BJP सांसद प्रज्ञा ठाकुर को राहत नहीं, हर हफ्ते पेश होने का आदेश

भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मालेगांव ब्लास्ट केस...
मालेगांव ब्लास्ट केस में BJP सांसद प्रज्ञा ठाकुर को राहत नहीं, हर हफ्ते पेश होने का आदेश

भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को मालेगांव ब्लास्ट केस में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए)  की विशेष अदालत से राहत नहीं मिली है। एनआईए ने प्रज्ञा को किसी तरह की सुविधा नहीं देते हुए सुनवाई पर पेश होने का आदेश दिया है। प्रज्ञा फिलहाल सशर्त जमानत पर बाहर चल रही हैं।

एनआईए की विशेष अदालत ने आरोपी प्रज्ञा ठाकुर को निर्देश दिया है कि वह कम से कम हफ्ते में एक दिन अदालत में जरूर हाजिर हों। कोर्ट ने प्रज्ञा को जमानत तो दे दी, लेकिन उन्हें दोषमुक्त नहीं माना। प्रज्ञा के खिलाफ UAPA (अनलॉफुल ऐक्टिविटीज प्रिवेंशन ऐक्ट) के तहत मुकदमा चल रहा है। प्रज्ञा ने बीमारी का हवाला देकर पेशी से छूट दिए जाने की गुजारिश की थी जिसे विशेष अदालत ने नहीं माना।

क्या है मालेगांव ब्लास्ट मामला

29 सितंबर, 2008 में मालेगांव में एक बाइक में बम रख विस्फोट किया गया था। इस ब्लास्ट में 7 लोग मारे गए थे और 100 से ज्यादा घायल हुए थे। सरकार ने मामले की जांच एटीएस को सौंप दी। 24 अक्टूबर, 2008 को इस मामले में स्वामी असीमानंद, कर्नल पुरोहित सहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह को गिरफ्तार किया गया था। 3 आरोपी फरार दिखाए गए थे। बाद में यह जांच एनआईए को सौंप दी गई थी।

अप्रैल 2017 में साध्वी प्रज्ञा को 9 साल कैद में रहने के बाद सशर्त जमानत दी गई थी। इसके बाद 30 अक्टूबर 2018 को कर्नल पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत सभी 7 पर आतंकी साजिश और हत्या के आरोप तय किए गए थे। वह फिलहाल स्वास्थ्य कारणों से जमानत पर हैं।

 

सात लोगों के खिलाफ हैं आरोप

 

अदालत ने पिछले साल अक्टूबर में सातों आरोपियों के खिलाफ आतंकी गतिविधियों, आपराधिक षड्यंत्र और हत्या की धाराओं में आरोप तय किए थे। उनके खिलाफ सुनवाई चल रही है। मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के निकट हुए विस्फोट में छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।

भोपाल से सांसद बनीं प्रज्ञा

साध्वी प्रज्ञा ने भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतकर सांसद बन गईं। साध्वी ने कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को 3,64,822 वोटों के अंतर से हराया। भोपाल से कांग्रेस ने जब दिग्विजय सिंह को उतारा था, तभी से यह चर्चा शुरू हो गई थी कि बीजेपी 'ब्रैंड हिंदुत्व' की छवि वाली साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को चुनाव में उतार सकती है। बीजेपी उम्मीदवार बनाए जाने के बाद पूर्व एटीएस चीफ हेमंत करकरे और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे पर दिए बयानों से वह विवादों में रहीं।

 

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