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CISF की रिपोर्ट में खुलासा, 30 से ज्यादा एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था बेहद कमजोर

देश के अधिकांश एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद लचर है। इस बात का खुलासा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा...
CISF की रिपोर्ट में खुलासा, 30 से ज्यादा एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था बेहद कमजोर

देश के अधिकांश एयरपोर्ट पर सुरक्षा व्यवस्था बेहद लचर है। इस बात का खुलासा केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की हालिया ऑडिट रिपोर्ट में हुआ है।

रिपोर्ट के मुताबिक, मौजूदा समय में देश के 30 से ज्यादा हवाई अड्डों पर सीसीटीवी कैमरों, सामानों की एक्स-रे मशीन, बम डिटेक्टर, वॉकी-टॉकी की कमी है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सीआईएसएफ की जांच प्रक्रियाओं में अक्सर दिक्कत आती है क्योंकि सात हवाई अड्डों में सुरक्षा दिशा-निर्देशों के अनुसार 30 दिनों की अवधि के लिए अनिवार्य डिजिटल सीसीटीवी रिकॉर्डिंग रखने की सुविधा मौजूद नहीं है।

देश के हवाई अड्डों, बंदरगाहों, पॉवर प्लांट्स और सभी संवेदनशील सरकारी भवनों की सुरक्षा के लिए 1969 में सीआईएसएफ का गठन किया गया था। देश के 98 में से 60 एयरपोर्ट की सुरक्षा का जिम्मा भी सीआईएसएफ के पास ही है।

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, एक सीआईएसएफ अधिकारी ने बताया, ‘34 हवाई अड्डों पर 1,882 कैमरों की कमी है और हमने भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) को इसकी सूचना दी है। वहीं, कुछ हवाई अड्डे ऐसे भी हैं, जहां डिजिटल वीडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा उपलब्ध नहीं है। हम हवाई अड्डों के नामों का उल्लेख नहीं करना चाहते हैं क्योंकि यह सुरक्षा व्यवस्था का मामला है।"

रिपोर्ट में कहा गया है कि कई हवाई अड्डों में सीसीटीवी सिस्टम भी आधुनिक सुविधाओं के साथ मौजूद नहीं हैं। मसलन किसी यात्री के पास संदिग्ध वस्तु होने पर सुरक्षा की दृष्टि से अलार्म बजना। देश के नागरिक विमानन के बुनियादी ढांचे का प्रबंधन करने वाले एएआई के प्रवक्ता ने कहा कि डार्क जोन जैसे मुद्दों को समय-समय पर संबोधित किया जाता है।

एएआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि सीसीटीवी सिस्टम सभी हवाई अड्डों पर उपलब्ध है। इस संबंध में हवाई अड्डे के निदेशकों के साथ डार्क जोन को कवर करने के लिए व अतिरिक्त सीसीटीवी मुहैया कराने के लिए समय-समय पर सर्वेक्षण किए जाते हैं। टर्मिनल क्षेत्रों में किए गए संशोधन कार्यों और मानचित्र में बदलाव के कारण डार्क जोन उत्पन्न हो सकते हैं।

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