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एफपीओ बदल सकते हैं किसानों की तकदीर

आउटलुक एग्रीकल्चर कॉनक्लेव एंड स्वराज अवार्ड्स के दूसरे पैनल डिस्कशन में फॉर्मर प्रोड्यूसर...
एफपीओ बदल सकते हैं किसानों की तकदीर

आउटलुक एग्रीकल्चर कॉनक्लेव एंड स्वराज अवार्ड्स के दूसरे पैनल डिस्कशन में फॉर्मर प्रोड्यूसर आर्गनाइजेशन (एफपीओ) की भूमिका को लेकर चर्चा हुई। किसानों की तकदीर बदलने में एफपीओ महती भूमिका निभा सकते हैं, लेकिन इसके लिए उनमें जागरूकता की काफी जरूरत है, जिसके लिए नाबार्ड की ओर से कुछ राज्यों में कैंपेन भी चलाए जा रहे हैं। एफपीओ को संचालित करने के लिए किसानों की इसकी पूरी प्रक्रिया को समझना होगा। किसानों को उत्पादन से लेकर प्रॉसेसिंग और मार्केटिंग पर फोकस करना होगा, तभी उनके आय में वृद्धि हो सकती है।

आउटलुक एग्रीकल्चर कॉनक्लेव एंड स्वराज अवार्ड्स के दूसरे पैनल डिस्कशन में एफपीओ- किसानों की आय बढ़ाने का बेहतर विकल्प विषय पर हेड (एनर्जी एंड एग्री) एमसीएक्स इंडिया के दीपक मेहता, कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव अभिलक्ष लिखी, नाबार्ड के सीजीएम एआर खान, एनसीडीसी के डिप्टी एमडी डॉ. डीएन ठाकुर ने चर्चा की। इसमें नाबार्ड के सीजीएम एआर खान ने कहा कि एफपीओ को लेकर जो प्रमुख समस्या सामने आ रही है, वह राज्यों में कोई ठोस नीति नहीं होने के कारण है। हम किसानों को जागरूक करने के लिए कई राज्यों में कैंपेन चला रहे हैं। साथ ही उन्हें बताया जा रहा कि वह किस प्रकार से एफपीओ के माध्यम से लाभ कमा सकते हैं।

कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव अभिलक्ष लिखी ने कहा कि जिले स्तर पर अगर डीएम अपनी टीम के साथ किसानों को जागरूक करें तो बेहतर परिणाम आएंगे। एफपीओ की प्रक्रिया के बारे में उन्हें जानकारी ही नहीं है। उन्हें लोन कैसे मिलेगा, लैंड यूज बदलना पड़ेगा क्या आदि के बारे में उनमें काफी जिज्ञासा रहती है। हरियाणा में हमने एफपीओ को लेकर काफी अच्छा काम किया है।

एनर्जी एंड एग्री एमसीएक्स इंडिया के हेड दीपक मेहता ने कहा कि बिना बिचौलिए के एफपीओ के माध्यम से लाभ कमाया जा सकता है। इसके लिए हमने सात-आठ वेयर हाऊस हमने खोले हैं। इसके अलावा एमसीएक्स और सेबी की ओर से भी कई सुविधाएं दी जा रही हैं। एनसीडीसी के डिप्टी एमडी डॉ. डीएन ठाकुर ने कहा कि चाहे सहकारिता हो या एफपीओ हमने ज्वलंत समाधान सारी समस्याओं का कर लिया है। इस चर्चा से किसानों को बेहतरी में काफी लाभ मिलेगा।

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