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शाहीन बाग मामले में अब सोमवार को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, कहा- चुनाव बाद सुनवाई करना उचित

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में करीब दो महीने से राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में चल...
शाहीन बाग मामले में अब सोमवार को सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट, कहा- चुनाव बाद सुनवाई करना उचित

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में करीब दो महीने से राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में चल रहे प्रदर्शन को लेकर दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई टल गई है। अब इस मामले में सुनवाई सोमवार यानी दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद होगी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि क्योंकि दिल्ली में चुनाव हैं, ऐसे में इस मामले पर सोमवार को सुनवाई करना उचित होगा। दायर याचिकाओं में दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली अहम सड़क के बंद हो जाने से लाखों लोगों को हो रही दिक्कत का सवाल उठाया गया है। शाहीन बाग में करीब 55 दिनों से धरना प्रदर्शन जारी है।

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि शनिवार को दिल्ली में चुनाव है, उससे पहले सुप्रीम कोर्ट को इस पर सुनवाई करनी चाहिए, इस पर कोर्ट ने कहा इसीलिए सोमवार को सुनेंगे। वकील शशांक देव सुधी की याचिका पर सुनवाई टालते हुए कोर्ट ने कहा कि हम समझते हैं कि वहां पर एक दिक्कत है। इससे पहले वकील ने कहा कि कोर्ट इस संबंध में संबंधित महकमों में कोई उचित दिशा-निर्देश जारी करें। इस मामले पर सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 10 फरवरी की तारीख तय की है। 

याचिका में की गई थी तत्काल सुनवाई की अपील

दरअसल, भाजपा नेता ने सुप्रीम कोर्ट से शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने की मांग संबंधी याचिका के जरिए तत्काल सुनवाई की अपील की थी। कुछ और याचिकाओं में कोर्ट से रास्ते को खोले जाने की अपील की गई है। इन याचिकाओं में दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली अहम सड़क के बंद हो जाने से लाखों लोगों को हो रही दिक्कत का सवाल उठाया गया है।  

सड़क के अलावा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में यह मांग भी की गई है कि कोर्ट पुलिस को यह देखने को कहे कि वहां भाषण देने वाले लोगों के किन संगठनों से संबंध हैं. कहीं उनका मकसद देश विरोधी गतिविधियों के लिए लोगों को भड़काना तो नहीं है. सुनवाई सुबह 11.15 बजे से शुरू होगी।

शाहीन बाग में सुरक्षा बढ़ाने की मांग

दूसरी तरफ, सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों ने जामिया मिलिया इस्लामिया और शाहीन बाग में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। इन इलाकों में हाल में गोलियां चलने की घटनाएं हुई थीं। प्रदर्शनकारियों ने आशंका जताई कि आठ फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान ऐसी और भी घटनाएं हो सकती हैं। जामिया नगर के निकट एक सप्ताह में गोलियां चलाने की तीन घटनाएं हुई हैं।

वहीं, कल यानी शनिवार (8 फरवरी) को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी शाहीन बाग का इलाका काफी संवेदनशील माना जा रहा है। दिल्ली निर्वाचन आयोग ने इलाके में आने वाले सभी पांच मतदान केंद्रों को संवेदनशील श्रेणी में रखा है। दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) रणबीर सिंह ने कहा कि मतदाताओं में विश्वास बढ़ाने के लिए सुरक्षाबल इलाके में मार्च और गश्त करेंगे। पुलिस बल और चुनावकर्मी सतर्कता बरतेंगे और हर वक्त हालात की निगरानी करेंगे।

याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध

बता दें कि शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को हटाने संबंधी भाजपा नेता की याचिका पर सुनवाई की तारीख जानने के लिए मंगलवार को भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग को संबद्ध अधिकारी के पास जाने को कहा गया था। भाजपा नेता नंद किशोर गर्ग ने अदालत से दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाले अहम मार्ग पर नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन से लोगों को आ रही समस्या पर गौर करते हुए अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया था।

शाहीन बाग प्रदर्शन के खिलाफ 35 छात्रों ने हाईकोर्ट में दायर की थी याचिका

इससे पहले 35 छात्रों ने हाईकोर्ट में शाहीन बाग प्रदर्शन के खिलाफ याचिका दायर की थी। याचिका में कहा गया है कि प्रदर्शन के चलते बोर्ड परीक्षा की तैयारियों में काफी परेशानी आ रही है। बच्चों की इस याचिका पर फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया था कि कालिंदी कुंज-शाहीन बाग का जो रास्ता बंद है, पुलिस उस पर ध्यान देकर एक्शन ले ताकि छात्रों को परेशानी न हो। जस्टिस नवीन चावला ने मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस को निर्देश दिया था कि सरिता विहार रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन बातों पर गौर करे और उसका समाधान करें।

शाहीन बाग में 55 दिनों से जारी है प्रदर्शन

बता दें कि सीएए और एनआरसी को लेकर 55 दिनों से दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में प्रदर्शन हो रहे हैं। इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं। प्रदर्शनकारी लगातार मोदी सरकार पर संविधान को कुचलने और लोकतंत्र को खत्म करने जैसे आरोप लगा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जबतक सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती, तबतक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा। शाहीन बाग की तर्ज पर देश के कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं।

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