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नेताओं के धर्म और जाति से जुड़े भाषणों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, चुनाव आयोग को भेजा नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं के धर्म और जाति से जुड़े बयानों को लेकर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। कोर्ट...
नेताओं के धर्म और जाति से जुड़े भाषणों पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, चुनाव आयोग को भेजा नोटिस

सुप्रीम कोर्ट ने नेताओं के धर्म और जाति से जुड़े बयानों को लेकर चुनाव आयोग को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने निर्देश दिए हैं कि  धार्मिक या जातिगत टिप्पणी करने वाले राजनीतिक दलों के प्रवक्ताओं या प्रतिनिधियों के खिलाफ चुनाव आयोग सख्त कार्रवाई करे।

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने एनआरआई हरप्रीत मनसुखानी की याचिका पर यह नोटिस जारी किया है। उनकी तरफ से वकील संजय हेगड़े पेश हुए और प्रवक्ताओं के बयानों के बारे में कई सुझाव रखे।

याचिका दायर दिए सुझाव

याचिका में सुझाव दिया गया कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता और चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए किसी पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज की अध्यक्षता में संवैधानिक समिति गठित की जाए। उन राजनीतिक दलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए जिनके प्रवक्ता या प्रतिनिधि मीडिया में धर्म अथवा जाति संबंधी बयान देते हैं। चुनाव आयोग को भी आदेश दिया जाए कि वह जाति या धार्मिक बयानों को बहस में शामिल करने वाले मीडिया संस्थानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करे। भ्रष्टाचार-मुक्त चुनाव कराने के लिए क्या कदम उठाए गए। इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से रिपोर्ट तलब की है।

नेताओं की बयानबाजी पर मांगी रिपोर्ट

लोकसभा चुनाव को लेकर देशभर में चुनावी माहौल गरमाया हुआ है। सभी राजनीतिक दल जोर-शोर से चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं। ऐसे में नेता खुलकर धर्म और जाति संबंधित भाषण दे रहे हैं। रविवार को देवबंद में बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी एक विशेष समुदाय का जिक्र करते हुए वोट मांगे थे। इस पर संज्ञान लेते हुए राज्य चुनाव आयुक्त ने सहारनपुर के जिला चुनाव अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है।

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