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गुजरात दंगों में मोदी को क्लीन चिट देने के खिलाफ याचिका पर अब चार सप्ताह बाद होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी गई क्लीन चिट के खिलाफ...
गुजरात दंगों में मोदी को क्लीन चिट देने के खिलाफ याचिका पर अब चार सप्ताह बाद होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के मामलों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दी गई क्लीन चिट के खिलाफ जकिया जाफरी की याचिका पर चार हफ्ते तक के लिए सुनवाई टाल दी है।

जस्टिस ए एम खानविलकर और जस्टिस अजय रस्तोगी की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता की तरफ से पेश हुए वकील ने सुनवाई स्थगित करने का अनुरोध किया। इस पर पीठ ने कहा कि आप चार हफ्ते मांग रहे हैं और हम आपको चार हफ्ते देते हैं। मामले को चार हफ्ते बाद सूचीबद्ध करें। इससे पहले 19 नवंबर, 26 नवंबर और 3 दिसंबर को भी सुनवाई टल चुकी है।

एसआईटी दे चुका है क्लीन चिट

गुजरात दंगों के दौरान मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया ने गुजरात हाई कोर्ट के पांच अक्टूबर, 2017 के आदेश को चुनौती दी है। इस आदेश में एसआईटी के फैसले के खिलाफ दायर उनकी याचिका को रद्द कर दिया गया था। 2002 के गुजरात दंगे में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र षड़यंत्र रचने का आरोप लगा था। एसआईटी द्वारा मोदी और अन्य अधिकारियों को क्लीन चिट दे दी गई थी।

साबरमती ट्रेन की आग के बाद भड़के थे दंगे

2002 में गुजरात में तीन दिन तक चले सांप्रदायिक दंगों के दौरान लगभग 2000 लोगों की मौत हो गई थी। ये दंगे गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस में आग लगाए जाने के बाद भड़के थे। यह ट्रेन कारसेवकों से भरी थी। आग में 59 लोगों की मौत हो गई थी।

साबरमती एक्सप्रेस की आग में कारसेवकों की मौत के बाद राज्य के कई जगहों पर हिंदू और मुस्लिमों में टकराव हुए थे। दंगों की कई घटनाओं में एक घटना में गुलबर्ग सोसाइटी कांड था। इस सोसाइटी को घेर कर दंगाइयों ने 68 लोगों को मार डाला था। जाकिया जाफरी के पति और कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी इसी सोसाइटी में रहते थे। गुजरात सरकार दंगों को काबू करने में नाकाम रही थी। तीसरे दिन दंगों को काबू करने के लिए सेना उतारनी पड़ी थी। नरेंद्र मोदी पर यह आरोप लगाया जाता रहा है उन्होंने दंगे रोकने के लिए समुचित कदम नहीं उठाए।

 

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