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पूर्व एटीएस अधिकारी ने किया मालेगांव ब्लास्ट को लेकर किया बड़ा दावा, कहा "मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का दिया गया था निर्देश", संबित पात्रा ने कांग्रेस को घेरा

भाजपा सांसद और प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है। महाराष्ट्र के एक...
पूर्व एटीएस अधिकारी ने किया मालेगांव ब्लास्ट को लेकर किया बड़ा दावा, कहा

भाजपा सांसद और प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस पार्टी पर हमला बोला है। महाराष्ट्र के एक सेवानिवृत्त आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) अधिकारी ने खुलासा किया है कि उन्हें मालेगांव विस्फोट मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत को "गिरफ्तार" करने का निर्देश दिया गया था।

भाजपा सांसद पात्रा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने एटीएस अधिकारी महबूब मुजावर को 'भगवा आतंकवाद' की कहानी को आगे बढ़ाने के लिए कहा था।यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए पात्रा ने कहा, "मालेगांव विस्फोट मामले में दो नए घटनाक्रम हुए हैं, दोनों ही राजनीतिक हैं। पहला, मामले की जांच करने वाले एटीएस अधिकारी महबूब मुजावर द्वारा किया गया खुलासा है। महबूब मुजावर विस्फोट मामले की जांच के लिए गठित जांच समिति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा थे।"

पात्रा ने कहा, "उन्होंने यह उजागर कर दिया है कि उनके वरिष्ठ अधिकारियों और सरकार के वरिष्ठ नेताओं ने उन पर 'भगवा आतंकवाद' की कहानी को आगे बढ़ाने और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को गिरफ्तार करने के लिए बहुत दबाव डाला था।"

उन्होंने आरोप लगाया कि मुजावर की पदोन्नति इसलिए रोक दी गई क्योंकि उन्होंने भागवत को गिरफ्तार नहीं किया।उन्होंने कहा, "मोहन भागवत का नाम न तो आरोपपत्र में था और न ही मामले में कहीं था। संविधान का हवाला देते हुए महबूब मुजावर ने मोहन भागवत को गिरफ़्तार करने से इनकार कर दिया। महबूब मुजावर पर उनके वरिष्ठ अधिकारियों ने कुछ संगीन आरोप लगाए, जिसके परिणामस्वरूप उनकी पदोन्नति रोक दी गई। बाद में अदालत ने उन्हें बरी कर दिया।"पात्रा ने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस के ‘‘प्रतिशोधी रवैये’’ का हिस्सा है।

पात्रा ने आरोप लगाया कि यह कांग्रेस के ‘‘प्रतिशोधी रवैये’’ का हिस्सा है।उन्होंने कहा, "यह तत्कालीन कांग्रेस सरकार के प्रतिशोधात्मक रवैये को दर्शाता है। यह सब गांधी परिवार के आदेश पर किया जा रहा था।"प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा में दिए गए भाषण का हवाला देते हुए पात्रा ने दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि एक कांग्रेस नेता ने अमेरिका की जासूसी एजेंसियों को सूचित किया था कि 'भगवा आतंकवाद' भारत के लिए बड़ा खतरा है।

ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट रूप से कहा कि एक बहुत वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने अमेरिका जाकर वहां की जासूसी एजेंसियों से कहा कि भगवा आतंकवाद भारत के लिए सिमी से भी बड़ा खतरा है।

पात्रा ने कहा, "आप जानते हैं कि वह वरिष्ठ नेता कौन है, जिसने अमेरिकी राजदूत से कहा कि हिंदू आतंकवाद भारत के लिए सबसे बड़ा खतरा है... यह वोट बैंक की राजनीति के लिए गांधी परिवार का एजेंडा था।"

2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में सभी आरोपियों को बरी किए जाने पर उठे विवाद के बीच, सेवानिवृत्त एटीएस अधिकारी महबूब मुजावर ने दावा किया कि उन्हें इस मामले के संबंध में मोहन भागवत को "गिरफ्तार" करने का निर्देश दिया गया था।उन्होंने कहा कि उन्हें अपने वरिष्ठों के आदेशों का पालन करने से इनकार करने के कारण जेल भेजा गया था, जिनमें मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह भी शामिल थे, जो उस समय अतिरिक्त पुलिस आयुक्त थे।

मुजावर ने एएनआई को बताया, "मैंने कोई आरोप नहीं लगाया, बल्कि जो रिकॉर्ड में है उसे पेश किया। यह अदालत में साबित हो चुका है। यह राजनीतिक दबाव की बात नहीं है; बल्कि मेरे बॉस परमबीर सिंह और अन्य शीर्ष अधिकारियों ने मुझे मोहन भागवत को गिरफ्तार करने का निर्देश दिया था। मीडिया में 'भगवा आतंकवाद' की अवधारणा चल रही थी। हालांकि, मैंने ऐसा करने से इनकार कर दिया और मुझे इसकी सजा मिली। मुझे गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। मुझे बदनाम किया गया।"

गुरुवार को मुंबई की विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी अदालत (एनआईए) ने 2008 के मालेगांव विस्फोटों में शामिल सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष मामले को उचित संदेह से परे साबित करने में विफल रहा।

 

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