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अगले 14 दिनों तक विक्रम लैंडर से संपर्क करने की करेंगे कोशिश: इसरो प्रमुख

भारत के चंद्रयान-2 मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले लैंडर...
अगले 14 दिनों तक विक्रम लैंडर से संपर्क करने की करेंगे कोशिश: इसरो प्रमुख

भारत के चंद्रयान-2 मिशन को शनिवार तड़के उस समय झटका लगा, जब चंद्रमा के सतह से महज दो किलोमीटर पहले लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया। इसरो ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि विक्रम लैंडर उतर रहा था और लक्ष्य से 2.1 किलोमीटर पहले तक उसका काम सामान्य था। उसके बाद लैंडर का संपर्क जमीन पर स्थित केंद्र से टूट गया। आंकड़ों का विश्लेषण किया जा रहा है।

95 फीसदी सफल, लैंडर से दोबारा संपर्क की कोशिश: इसरो चीफ

डीडी न्यूज से खास बातचीत में इसरो प्रमुख के सिवन ने बताया कि लैंडर विक्रम से दोबारा संपर्क बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। अगले 14 दिनों तक हम दोबारा संपर्क करने की कोशिश करेंगे। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-2 मिशन 95 फीसदी सफल रहा है। उन्होंने कहा है कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर करीब 7.5 साल तक काम कर सकता है। उन्होंने यह भी जानकारी दी है कि गगनयान समेत इसरो के सारे मिशन तय समय पर पूरे होंगे।

पीएम मोदी की स्पीच से बढ़ा हौसला: इसरो प्रमुख

डीडी न्यूज को दिए इंटरव्यू में इसरो चीफ ने कहा कि आखिर के 30 किमी से लेकर सॉफ्ट लैंडिंग तक में 4 फेज आते हैं। इनमें से तीन फेज लैंडर ने पूरे कर लिए, अंतिम में हमारा लिंक विक्रम लैंडर से टूट गया। हम अब तक उससे कम्युनिकेशन स्थापित नहीं कर सके हैं। के. सिवन ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी हमारे लिए प्रेरणा और सपॉर्ट के स्रोत हैं और उनकी आज की स्पीच ने हमें प्रेरणा दी है। मैंने पीएम की स्पीच से एक स्पेशल बात नोट की है कि साइंस को परिणाम के लिए प्रयोग के लिए जाना चाहिए क्योंकि प्रयोग से ही परिणाम आता है।

सिवन से समझाया मिशन के दो खास उद्देश्य

उन्होंने कहा कि चंद्रयान-2 मिशन के दो उद्देश्य हैं। एक साइंस और टेक्वॉलजी डिमांस्ट्रेशन है। साइंस पार्ट ज्यादातर ऑर्बिटर के जिम्मे है जबकि दूसरे पार्ट में लैंडिंग और रोवर था। साइंटिफिक पार्ट में देखें तो ऑर्बिटर में विशेष पेलोड्स हैं और हम इसके जरिए चांद की सतह पर 10 मीटर तक पोलर रीजन में पानी और बर्फ का पता लगा सकते हैं।

पूर्व इसरो प्रमुख ने भी माना, मिशन एक बड़ी उपलब्धि

इसरो के पूर्व अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने भी कहा है कि चंद्रयान-2 अपने मिशन के 95 प्रतिशत उद्देश्यों में सफल रहा है। अंतरिक्ष विभाग के पूर्व सचिव एवं अंतरिक्ष आयोग के पूर्व अध्यक्ष नायर ने कहा कि ऑर्बिटर सही है चंद्रमा की कक्षा में सामान्य रूप से काम कर रहा है। लैंडर ‘विक्रम’ से संपर्क टूटने पर नायर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है... मैं कहूंगा कि मिशन के 95 प्रतिशत से अधिक उद्देश्य पूरे हुए हैं।’ उन्होंने कहा, ‘ऑर्बिटर अंतरिक्ष में पहुंच गया है और उसे मानचित्रण का काम अच्छे से करना चाहिए।'

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