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नये साल में रेल यात्रा होगी महंगी, हर हजार किमी पर बढ़ जाएगा 40 रुपये तक किराया

भारतीय रेलवे ने नए साल से ट्रेन का किराया बढ़ा दिया है। किराये में एक से चार पैसे प्रति किलोमीटर की...
नये साल में रेल यात्रा होगी महंगी, हर हजार किमी पर बढ़ जाएगा 40 रुपये तक किराया

भारतीय रेलवे ने नए साल से ट्रेन का किराया बढ़ा दिया है। किराये में एक से चार पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की गई है। जनरल से एसी क्लास तक का सफर महंगा हो गया है। लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों पर किराये का अधिक असर होगा। बढ़ी हुई दरें एक जनवरी से लागू हो जाएंगी।

साधारण ट्रेनों के नॉन एसी सेकंड क्लास, स्लीपर क्लास और फर्स्ट क्लास के किराये में प्रति किलोमीटर एक पैसे की बढ़ोतरी की गई है। मेल एक्सप्रेस ट्रेनों में बढ़े किराये की बात करें तो सेकंड क्लास यात्रियों को प्रति किलोमीटर 2 पैसे अधिक देने होंगे। स्लीपर क्लास के किराये में 2 पैसे और फर्स्ट क्लास के किराये में भी 2 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। वहीं, एसी क्लास में एसी चेयर कार के किराये में 04 पैसे, एसी-3 टीयर के लिए 04 पैसे, एसी-2 टीयर के किराये में 04 पैसे और एसी फर्स्ट क्लास के किराये में भी 04 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी की गई है।

बुक टिकटों पर लागू नहीं होगी बढ़ोतरी

किराए में शताब्दी, राजधानी ट्रेनों के लिए भी लागू होगी। सब-अर्बन (सिंगल जर्नी) और सीजन टिकट ( सर्ब-अर्बन और नॉन सब-अर्बन) में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसके अलावा रिजर्वेशन चार्ज, सुपरफास्ट चार्ज में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। बढ़ोतरी पहले ही बुक हो चुकीं टिकटों पर लागू नहीं होगी।


दिए थे संकेत

रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने गुरुवार को कहा था कि रेलवे यात्री और माल भाड़ा दरों को 'तर्कसंगत' बनाने की प्रकिया में है। हालांकि, इस प्रक्रिया के तहत क्या किराया बढ़ाया जाएगा इस बारे में बताने से उन्होंने इनकार किया था। यादव ने कहा कि भारतीय रेल ने घटते राजस्व से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं।

संसद की  समिति ने की थी सिफारिश

पिछले साल संसद की एक समिति ने सिफारिश की थी कि रेलवे को तय अवधि में रेल यात्री किराये की समीक्षा करनी चाहिए। समिति ने किराए को व्यवहारिक बनाने की भी बात कही थी ताकि उससे रेलवे की आमदनी बढ़ाई जा सके। हालांकि, बजट में सरकार ने रेल किराये में बढ़ोतरी नहीं की थी।

भारतीय रेलवे की कमाई 10 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। रेलवे का परिचालन अनुपात (वित्त वर्ष 2017-18 में 98.44 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

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