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राहुल गांधी ने उठाया यूपीएससी का मुद्दा, संघ की पसंद से ब्यूरोक्रेसी तैयार करने का आरोप

केंद्र सरकार यूपीएससी के माध्यम से सिविल सेवा परीक्षा में चुने गए उम्मीदवारों को कैडर देने की...
राहुल गांधी ने उठाया यूपीएससी का मुद्दा, संघ की पसंद से ब्यूरोक्रेसी तैयार करने का आरोप

केंद्र सरकार यूपीएससी के माध्यम से सिविल सेवा परीक्षा में चुने गए उम्मीदवारों को कैडर देने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करने पर विचार कर रही है। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने इस बारे में पड़ताल करने को कहा है कि क्या ‘फाउंडेशन कोर्स’ पूरा होने के बाद सेवा या कैडर का बंटवारा किया जा सकता है।

अब कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, छात्रों, जाग जाओ। आपका भविष्य खतरे में है। जो आपका है, उसे आरएसएस चाहता है। नीचे लगा पत्र पीएम के उस प्लान को उजागर करता है, जिससे सिविस सर्विसेज में आरएसएस की पसंद के अफसरों की तैनाती होगी।

क्या है कैडर आवंटन में बदलाव का मामला

सिविल सेवा परीक्षा के जरिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) सहित अन्य सेवाओं के लिए उम्मीदवार चुने जाते हैं।

सभी सेवाओं के अधिकारियों के लिए तीन महीने का फाउंडेशन कोर्स होता है। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की सिविल सेवा परीक्षा में चुने गए उम्मीदवारों को अभी फाउंडेशन कोर्स पूरा होने से पहले कैडर दिया जाता है।

पीएमओ इस बारे में जानना चाहता है कि परीक्षा के आधार पर चुने गए प्रोबेशनर को क्या फाउंडेशन कोर्स के बाद कैडर या सेवा दे सकते हैं? पत्र में फाउंडेशन कोर्स में कामकाज को महत्व दिए जाने और सिविल सेवा परीक्षा और फाउंडेशन कोर्स के मार्क्स को जोड़कर सेवा और कैडर देने की संभावना पर विचार करने को कहा गया है।

कार्मिक मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि विभागों को भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) जैसे अन्य केंद्रीय सेवाओं के आवंटन के प्रस्ताव पर भी अपनी राय देने को कहा गया है।

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