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बेटे की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए ऐसे दादी बनी पुणे की ये महिला

हाल ही में महाराष्ट्र के पुणे से एक अद्भुत मामला सामने आया है। जहां बेटे की मौत के दो साल बाद एक महिला...
बेटे की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए ऐसे दादी बनी पुणे की ये महिला

हाल ही में महाराष्ट्र के पुणे से एक अद्भुत मामला सामने आया है। जहां बेटे की मौत के दो साल बाद एक महिला जुड़वा बच्चों की दादी बनी। मां राजश्री ने अपने मृत बेटे के सीमेन का इस्तेमाल कर दादी बनने का सपना पूरा किया है। बेटे की अंतिम इच्छा पूरी होने के बाद उसका परिवार अब बहुत खुश है और डॉक्टरों का शुक्रिया अदा कर रहा है।

हर मां की तरह राजश्री भी अपने बेटे प्रथमेश को बहुत प्यार करती थीं। राजश्री पाटिल के 27 साल के बेटे प्रथमेश की मौत ब्रेन कैंसर की वजह से हो गई थी। मां ने अपने बेटे के सीमेन का इस्तेमाल करने के लिए अपनी एक रिश्तेदार को सरोगेसी के लिए राजी किया। जिसकी कोख से 12 फरवरी को जुड़वां बच्चों का जन्म हुआ है। इनमें से एक बेटा और एक बेटी है।

48 साल की राजश्री पाटिल के बेटे की 2 साल पहले जर्मनी में कैंसर से मौत हो गई थी। पाटिल को अपने बेटे से इतना ज्यादा लगाव था कि वे किसी भी कीमत पर अपने बेटे को वापस चाहती थीं। राजश्री पाटिल पेशे से टीचर हैं। उनका बेटा प्रथमेश पाटिल 2010 में जर्मनी में पढ़ाई करने गया था। कुछ समय बाद पता चला कि उसे ब्रेन कैंसर है। डॉक्टर ने उसका इलाज शुरू किया। पता चला कि कैंसर फोर्थ स्टेज में पहुंच चुका है। इसके बाद उसे भारत वापस ले जाने की सलाह दी गई। साल 2013 में प्रथमेश को भारत लाया गया, जिसके बाद मुंबई में उसका इलाज होता रहा। आखिरकार सितंबर 2016 में उसकी मौत हो गई।

वंश बढ़ाने के लिए सुरक्षित करवाया था सीमेन

प्रथमेश का कोई भाई नहीं था। उसका परिवार चाहता था कि उनका वंश न रुके। ऐसे में उसने जर्मनी के डॉक्टरों की सलाह पर वंश बढ़ाने के लिए अपना सीमेन प्रिजर्व करवा दिया था।

मां-बहन को दिया फैसले का हक

27 साल के प्रथमेश की शादी नहीं हुई थी। ऐसे में उसने इस सीमेन के इस्तेमाल का फैसला अपनी मां और बहन पर छोड़ दिया था।

मां ने जर्मनी से भारत मंगवाया सीमेन

बेटे की मौत के बाद राजश्री ने जर्मनी की सीमेन बैंक में कॉन्टैक्ट किया, जहां प्रथमेश के सीमेन प्रिजर्व किए गए थे। कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद प्रथमेश के सीमेन को भारत लाया गया। इसके बाद राजश्री ने अपनी एक रिश्तेदार को सरोगेसी के लिए राजी किया और जुड़वा बच्चों का जन्म हुआ। 

मां ने बच्चों को बताया भगवान का उपहार

बच्चों के जन्म के बाद मां ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इन बच्चों में उन्हें अपना बेटा प्रथमेश दिखाई देता है। राजश्री पाटिल ने बच्चों को भगवान का उपहार बताया है और लड़के का नाम प्रथमेश रखा है। वहीं, उन्होंने लड़की का नाम प्रीषा रखा है।

अस्पताल में आइवीएफ की प्रमुख सुप्रिया पुराणिक ने बताया कि उन्हें खुशी है कि विज्ञान और तकनीक लोगों के चेहरों पर मुस्कान ला रही है।
  

 

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