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10वीं-12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को यथासंभव आयोजित करने को तैयार, शुरू होगी कॉपियों की जांच:एचआरडी मंत्रालय

देशभर में कोरोना वायरस के मद्देनजर 3 मई तक लॉकडाउन किया गया है। ये हालात उस वक्त बने हैं जब सीबीएसई की कई...
10वीं-12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को यथासंभव आयोजित करने को तैयार, शुरू होगी कॉपियों की जांच:एचआरडी मंत्रालय

देशभर में कोरोना वायरस के मद्देनजर 3 मई तक लॉकडाउन किया गया है। ये हालात उस वक्त बने हैं जब सीबीएसई की कई परीक्षाएं बची रह गई थीं। अब लगातार बिगड़ती स्थ‍िति और हालात को देखते हुए अभिभावक और बोर्ड के छात्र एग्जाम और रिजल्ट को लेकर चिंता में हैं। इस चिंता के बीच बुधवार को सीबीएसई बोर्ड ने स्पष्ट किया कि अभी तक ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है कि बोर्ड बची हुई परीक्षाएं नहीं कराएगा। वहीं, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी स्पष्ट किया कि वह यथासंभव समय पर 10वीं और 12वीं कक्षा के लिए लंबित 29 महत्वपूर्ण विषयों की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने को तैयार है। अधिकारियों ने इस बारे में जानकारी दी है। 

मंगलवार को शिक्षा मंत्रियों के साथ मानव संसाधन विकास मंत्री की बैठक में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने भी सरकार को सुझाव दिया था कि अब बची हुई बोर्ड परीक्षाएं न कराई जाएं। छात्रों को नौवीं और 11वीं की तरह इवैल्यूवेशन के आधार पर अंक दिए जाएं। अभिभावकों में इसको लेकर स्पष्टता नहीं थी कि बोर्ड आखिर क्या फैसला ले रहा है। इसी दुविधा को ध्यान में रखते हुए बुधवार को सीबीएसई ने कहा है कि 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाओं के आयोजन को लेकर उसके फैसले में कोई बदलाव नहीं किया गया है। लॉकडाउन खत्म होने और स्थिति सामान्य होने के बाद ही सीबीएसई मुख्य 29 विषयों के पेपरों का कार्यक्रम जारी करेगी।

परीक्षाओं के आयोजन को लेकर उसके फैसले में कोई बदलाव नहीं

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कहा है कि 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाओं के आयोजन को लेकर उसके फैसले में कोई बदलाव नहीं किया गया है। ये परीक्षाएं जरूर आयोजित होंगी। सीबीएसई मुख्य 29 विषयों के पेपर स्थिति सामान्य होने के बाद जरूर करवाएगी।

सीबीएसई ने बुधवार को ट्वीट कर कहा, '10वीं सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। यह फिर से दोहराया जाता है कि बोर्ड 10वीं और 12वीं कक्षा के 29 मुख्य विषयों की परीक्षा कराने के अपने फैसले पर कायम है, जिसका जिक्र उसने 1 अप्रैल 2020 को जारी सर्कुलर में भी किया था।'

1 अप्रैल के सर्कुलर में बोर्ड ने क्या कहा था

1 अप्रैल 2020 को जारी सर्कुलर में सीबीएसई ने कहा है कि परीक्षा के नए शेड्यूल को लेकर कोई भी फैसला हायर एजुकेशन अथॉरिटी से सलाह मशविरा करने के बाद लिया जाएगा। नई तारीखें एंट्रेंस एग्जाम व एडमिशन की डेट्स को ध्यान में रखकर तय की जाएंगी। इसी सर्कुलर में सीबीएसई ने पहली कक्षा से 8वीं तक के सभी छात्रों को प्रमोट करने का ऐलान किया था। और साथ ही कहा था कि 9वीं और 11वीं के छात्र इंटरनल असेसमेंट, टेस्ट, प्रोजेक्ट वर्क के आधार पर पास किए जाएंगे।

जो परीक्षाएं हो चुकी हैं, उनके मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू की जाए

वहीं, मानव संसाधन विकास मंत्रालय भी यथा संभव समय पर 10वीं एवं 12वीं कक्षा के लिए लंबित 29 महत्वपूर्ण विषयों की बोर्ड परीक्षा आयोजित करने को तैयार है। मंत्रालय ने राज्यों को निर्देश दिया है कि जो परीक्षाएं पहले ली जा चुकी हैं, उनके मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू की जाए और केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड को उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन में मदद की जाए

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हम 10वीं एवं 12वीं कक्षा के लिए बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के लिए तैयार हैं जो देश में कोविड-19 के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के कारण लंबित है। ये परीक्षा उन 29 विषयों के लिए यथासंभव समय पर आयोजित की जाएंगी जो अगली कक्षा में प्रोन्नति और स्नातक कोर्स में दाखिले के लिए महत्वपूर्ण है।’ उन्होंने कहा कि छात्रों को परीक्षा आयोजित किए जाने से पहले कम से कम 10 दिनों का नोटिस दिया जाएगा।

मनीष सिसोदिया के बयान के बाद आई बोर्ड की प्रतिक्रिया

दरअसल, सीबीएसई की यह प्रतिक्रिया उन अटकलों के बाद आई हैं जो कि दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के बयान के बाद पैदा हुई थीं। दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने मंगलवार को केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक से कहा था कि कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से 10वीं और 12वीं कक्षा की लंबित बोर्ड परीक्षा को आयोजित कराना अभी व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री की अध्यक्षता में हुई राज्यों के शिक्षा मंत्रियों की बैठक में यह अनुशंसा की।

मई या जून में भी बोर्ड परीक्षा कराना व्यावहारिक नहीं- सिसोदिया

सिसोदिया ने कहा था, ''सामाजिक दूरी की जरूरत की वजह से 10वीं और 12वीं के बाकी विषयों की बोर्ड परीक्षाएं मई या जून में भी कराना व्यावहारिक नहीं है। परीक्षा में देरी से अकादमिक सत्र भी प्रभावित होगा। अन्य राज्यों का अपना शिक्षा बोर्ड है लेकिन दिल्ली के लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) है। सीबीएसई के अधिकतर छात्र दिल्ली से आते हैं। मैं मानव संसाधन विकास मंत्री से अपील करता हूं कि वह सीबीएसई को, नौवीं और 11वीं कक्षा के छात्रों के प्रमोट करने फार्मूले को अपनाने के लिए कहें। इस अनिश्चित समय में मैं नहीं जानता कि हम दोबारा परीक्षा करा पाएंगे भी या नहीं। इसलिए आंतरिक मूल्यांकन (इंटरनल असेसमेंट) और अब तक हो चुकी परीक्षा के आधार पर 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों का भी मूल्यांकन किया जाना चाहिए।

प्रतियोगिता परीक्षा जून में आयोजित करने की योजना- एचआरडी मंत्रालय

एचआरडी मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, अभी की स्थिति में इंजीनियरिंग और मेडिकल में दाखिले के लिए जेईई और नीट सहित प्रतियोगिता परीक्षाएं जून में आयोजित करने की योजना है। स्नातक संकाय में दाखिले के लिये विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) नये शैक्षणिक सत्र के लिये वैकल्पिक कैलेंडर पर काम कर रहा है, जिसकी अधिसूचना एक सप्ताह में जारी की जायेगी। इस मुद्दे का अध्ययन करने के लिये गठित सात सदस्यीय पैनल ने सुझाव दिया कि स्नातक दाखिले की प्रक्रिया जुलाई-अगस्त में शुरू की जाए और नया सत्र सितंबर से शुरू हो। लेकिन इस बारे में अंतिम निर्णय नहीं हो सका है।

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