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मनोहर पर्रिकर का खुलासा, कहा- 15 महीने पहले से बन रही थी सर्जिकल स्ट्राइक की योजना

पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में एक बड़ा खुलासा किया है। पर्रिकर ने बताया कि पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक का प्लान 15 महीने पहले ही तैयार कर लिया गया था।
मनोहर पर्रिकर का खुलासा, कहा- 15 महीने पहले से बन रही थी सर्जिकल स्ट्राइक की योजना

न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक कार्यक्रम के दौरान गोवा के सीएम पर्रिकर ने कहा कि 9 जून 2015 को मणिपुर में एक आतंकी संगठन के हमले में हमारे 18 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद एक टीवी शो में यूनियन मिनिस्टर राज्यवर्धन राठौर से एंकर ने पूछा था कि जैसा ऑपरेशन आपने मणिपुर में किया, क्या वैसा ही पाकिस्तान बॉर्डर पर करने की हिम्मत है? पर्रिकर ने बताया एंकर द्वारा पूछा गया ऐसा सवाल बेइज्जती करने वाला था। उन्होंने बताया कि इस घटना के बाद ही पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी शुरू कर दी गई थी।

गौरतलब है कि गत वर्ष 28 और 29 सितंबर की रात इंडियन आर्मी कमांडोज ने सर्जिकल स्ट्राइक की थी, जिसमें करीब 38 आतंकी और कुछ पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे।  

पणजी में कारोबारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए मनोहर पर्रिकर ने यह खुलासा किया कि पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक की योजना 15 महीने पहले ही बना ली गई थी। उन्होंने बताया कि 4 जून 2015 को नॉर्थ-ईस्ट के आतंकी संगठन ने मणिपुर के चांदेल इलाके में घात लगाकर आर्मी के काफिले पर हमला किया था, जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे। सीएम पर्रिकर ने बताया कि जैसे ही मुझे इस घटना की जानकारी मिली तो मुझे बेइज्जती महसूस हुई। मन में विचार आया कि 200 आतंकियों का एक छोटा सा संगठन क्या हमारे 18 सैनिकों को शहीद कर सकता है? ये तो आर्मी का भी अपमान है।

पूर्व रक्षा मंत्री के मुताबिक, सेना काफिले पर हुए हमले के बाद हमने दोपहर और शाम को एक मीटिंग की और योजना तैयार की। इसके बाद 8 जून की सुबह म्यांमार बॉर्डर पर पहली सर्जिकल स्ट्राइक की, जिसमें करीब 70-80 आतंकी मारे गए। ये बेहद कामयाब कदम रहा। खास बात ये रही कि इसमें आर्मी को कोई नुकसान नहीं हुआ। सिर्फ एक सैनिक के पैर में मामूली खरोंच आई।

सात ही, उन्होंने यह भी कहा कि ये रिपोर्ट गलत है कि हमने उस ऑपरेशन में हेलिकॉप्टर्स इस्तेमाल किए, जबकि ऐसा नहीं है। मैंने हेलिकॉप्टर्स सिर्फ इमरजेंसी में सैनिकों को निकालने के लिए तैयार रखे थे। पर्रिकर ने आगे कहा, लेकिन मीडिया के सवालों से मुझे काफी तकलीफ हुई है। राज्यवर्धन सिंह राठौर खुद आर्मी में रह चुके हैं। वो एक टीवी प्रोग्राम के दौरान सर्च ऑपरेशंस की जानकारी दे रहे थे। इसी दौरान एंकर ने उनसे पूछा कि क्या आपमें इतनी हिम्मत है कि यही काम (सर्जिकल स्ट्राइक) आप पश्चिमी सीमा पर भी कर सकें? मैं उन बातों को बहुत ध्यान से सुन रहा था। इसी दौरान मैंने फैसला किया कि इसका जवाब सही वक्त आने पर जरूर दिया जाएगा।  

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