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पीएम ने किया अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का उद्घाटन, बोले- हमें विरासत पर करना चाहिए गर्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को धनतेरस के अवसर पर खास तोहफा दिया हैं। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को...
पीएम ने किया अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का उद्घाटन, बोले- हमें विरासत पर करना चाहिए गर्व

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को धनतेरस के अवसर पर खास तोहफा दिया हैं। प्रधानमंत्री ने मंगलवार को देश के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान का उद्घाटन किया। एम्स की तर्ज पर बना यह संस्थान राजधानी दिल्ली के सरिता विहार में बनाया गया है।

आयुर्वेद संस्थान के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा, मैं धन्वंतरि जंयती को आयुर्वेद दिवस के रूप में मनाने और इस संस्थान की स्थापना के लिए आयुष मंत्रालय को भी धन्यवाद देता हूं। कोई भी देश विकास की कितनी ही चेष्टा करे, कितना ही प्रयत्न करे, लेकिन वो तब तक आगे नहीं बढ़ सकता, जब तक वो अपने इतिहास, अपनी विरासत पर गर्व करना नहीं जानता। अपनी विरासत को छोड़कर आगे बढ़ने वाले देशों की पहचान खत्म होनी तय होती है।

हमारी विरासत की प्रतिष्ठा जन-जन के मन में स्थापित हो रही है

नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुलामी के कालखंड में हमारी ऋषि परंपरा, हमारे आचार्य, किसान, हमारे वैज्ञानिक ज्ञान, हमारे योग, हमारे आयुर्वेद, इन सभी की शक्ति का उपहास उड़ाया गया, उसे कमजोर करने की कोशिश की गई और यहां तक की उन शक्तियों पर हमारे ही लोगों के बीच आस्था कम करने का प्रयास भी हुआ। उन्होंने कहा कि आज मुझे गर्व है कि पिछले तीन वर्षों में इस स्थिति को काफी हद तक बदल दिया गया है, जो हमारी विरासत है, जो श्रेष्ठ है, उसकी प्रतिष्ठा जन-जन के मन में स्थापित हो रही है।

आयुर्वेद सिर्फ एक चिकित्सा ही पद्धति नहीं है

पीएम मोदी ने कहा कि आज जब हम सभी आयुर्वेद दिवस पर एकत्रित हुए हैं, या जब 21 जून को लाखों की संख्या में बाहर निकलकर योग दिवस मनाते हैं, तो अपनी विरासत के इसी गर्व से भरे होते हैं। जब अलग-अलग देशों में उस दिन लाखों लोग योग करते हैं, तो लगता है कि लाखों लोगों को जोड़ने वाला ये योग भारत ने दिया है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद सिर्फ एक चिकित्सा पद्धति नहीं है, इसके दायरे में सामाजिक स्वास्थ्य, सार्वजनिक स्वास्थ्य, पर्यावरण स्वास्थ्य जैसे अनेक विषय भी आते हैं। इसी आवश्यकता को समझते हुए ये सरकार आयुर्वेद, योग और अन्य आयुष पद्धतियों के पब्लिक हेल्थकेयर सिस्टम में इंटीग्रेशन पर जोर दे रही है। पिछले 3 साल में हमारी सरकार पुरानी विरासत को संजोने का काम कर रही है।

तीन वर्षों में ही 65 से ज्यादा आयुष अस्पताल विकसित हुए

इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आयुर्वेद के विस्तार के लिए ये बहुत आवश्यक है कि देश के हर जिले में इससे जुड़ा एक अच्छा, सारी सुविधाओं से युक्त अस्पताल जरूर हो। इस दिशा में आयुष मंत्रालय तेजी से काम कर रहा है और तीन वर्षों में ही 65 से ज्यादा आयुष अस्पताल विकसित किए जा चुके हैं।

हर्बल दवाईयों का आज विश्व में बड़ा मार्केट तैयार हो रहा है

पीएम मोदी ने कहा कि हर्बल दवाईयों का आज विश्व में एक बड़ा मार्केट तैयार हो रहा है। भारत को इसमें भी अपनी पूर्ण क्षमताओं का इस्तेमाल करना होगा। हर्बल और मेडिसिनल प्लांट्स कमाई का बहुत बड़ा माध्यम बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने हेल्थ केयर सिस्टम में सौ प्रतिशत एफडीआइ को स्वीकृति दी है। हेल्थ केयर में एफडीआइ का फायदा आयुर्वेद और योग को कैसे मिले, इस बारे में भी प्रयास किए जाने चाहिए।

स्वच्छता को इस सरकार ने जन-आंदोलन की तरह घर-घर तक पहुंचाया

मोदी बोले, सभी तरह के हेल्थ सिस्टम को आगे बढ़ाने के पीछे सरकार का ध्येय है कि गरीबों को सस्ते से सस्ता इलाज उपलब्ध हो। इस वजह से हेल्थ सेक्टर में हमारा जोर दो प्रमुख चीजों पर लगातार रहा है- पहला प्रीवेन्टिव हेल्थ केयर और दूसरा हेल्थ सेक्टर में एर्फोडब्लीटी और एक्सेस बढ़े। उन्होंने कहा कि प्रीवेन्टिव हेल्थ केयर एक और सस्ता और स्वस्थ तरीका है- स्वच्छता...। स्वच्छता को इस सरकार ने जनआंदोलन की तरह घर-घर तक पहुंचाया है। सरकार ने तीन वर्षों में 5 करोड़ से ज्यादा शौचालयों का निर्माण करवाया है।

जो परिवार शौचालय बनवाता है, उसके प्रतिवर्ष 50 हजार रुपये बचते हैं

उन्होंने कहा कि अभी आपने कुछ दिनों पहले आई यूनिसेफ की रिपोर्ट भी पढ़ी होगी, जिसमें कहा गया है कि जो परिवार गांव में एक शौचालय बनवाता है, उसके प्रतिवर्ष 50 हजार रुपये तक बचते हैं। वरना यही पैसे उसके बीमारियों के इलाज में खर्च हो जाते हैं। प्रीवेन्टिव हेल्थ केयर को बढ़ावा देने के साथ ही सरकार स्वास्थ्य सेवा में सामर्थ्य और एक्सेस बढ़ाने के लिए शुरू से ही समग्र दृष्टिकोण लेकर चल रही है। मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरी की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए पीजी मेडिकल सीट में वृद्धि की गई है।

जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से सस्ती दवाएं उपलब्ध

इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कहा कि बेहतर इलाज और स्वास्थ्य उपलब्ध कराने के लिए में नए एम्स भी खोले जा रहे हैं। स्टेट के दामों में भी भारी कटौती, घुटने के इम्प्लान्ट्स की कीमतों को नियंत्रित करने जैसे फैसले भी लिए गए हैं। जन औषधि केन्द्रों के माध्यम से भी गरीबों को सस्ती दवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।

157 करोड़ की लागत से बना है आयुर्वेद संस्थान

अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना आयुष मंत्रालय के तहत की गई है, जो आयुर्वेद और आधुनिक उपचार पद्धति एवं प्रौद्योगिकी के बीच सामंजस्य स्थापित करने का काम करेगा। आयुर्वेद संस्थान की स्थापना 10 एकड़ क्षेत्र में की गई है और इस पर 157 करोड़ रूपये की लागत आई है। इस संस्थान के जरिए भारत के पारंपरिक आयुर्वेदिक इलाज को बढ़ावा देना है।

 

पिछले साल ही शुरू हुआ आयुर्वेद दिवस

 

देश में पहला आयुर्वेद दिवस पिछले साल मनाना गया था। धन्वंतरि जयंती के मौके पर मोदी सरकार ने इसकी शुरू की। इसका मकसद भारत के पारंपरिक आयुर्वेदिक इलाज को बढ़ावा देना है। धन्वंतरि को आयुर्वेद का देवता माना जाता है।

 

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