Advertisement

करगिल में बोले पीएम मोदी, दिवाली का अर्थ है कि आतंक के अंत के साथ उत्सव

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछली बार की तरह इस बार भी सैनिकों के साथ दिवाली मना रहे हैं। पीएम...
करगिल में बोले पीएम मोदी, दिवाली का अर्थ  है कि आतंक के अंत के साथ उत्सव

देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछली बार की तरह इस बार भी सैनिकों के साथ दिवाली मना रहे हैं। पीएम मोदी आज सुबह ही करगिल पहुंच गए। जहां सशस्त्र बलों के द्वारा 'वंदे मातरम' और 'भारत माता की जय' के नारे द्वारा उनका स्वागत किया गया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जवानों को मिठाई खिलाकर उन्हें दिवाली की बधाई दी। 

पीएम मोदी ने जवानों के साथ दीवाली मनाने को अपना सौभाग्य बताया। दिवाली के अवसर पर सेना के जवानों को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरे लिए तो वर्षों-वर्ष से मेरा परिवार आप ही सब हैं। मेरी दीपावली की मिठास आप के बीच बढ़ जाती है, मेरी दीपावली का प्रकास आपके बीच है और अगली दिवाली तक मेरा पद प्रशस्त करता है।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मेरे लिए तो वर्षों-वर्ष से मेरा परिवार आप ही सब हैं। मेरी दीपावली की मिठास आप के बीच बढ़ जाती है, मेरी दीपावली का प्रकास आपके बीच है और अगली दिवाली तक मेरा पद प्रशस्त करता है।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ एक भी लड़ाई ऐसी नहीं हुई है जहां कारगिल ने विजय ध्वज न फहराया हो। दिवाली का अर्थ है कि आतंक के अंत के साथ उत्सव। यही कारगिल ने भी किया था।

 

करगिल में पाकिस्तान पर जीत को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “पाकिस्तान के साथ एक भी लड़ाई ऐसी नहीं हुई है जहां कारगिल ने विजय ध्वज न फहराया हो। दिवाली का अर्थ है कि आतंक के अंत के साथ उत्सव। यही कारगिल ने भी किया था। कारगिल में हमारी सेना ने आतंक के फन को कुचला था और देश में जीत की ऐसी दिवाली मनी कि लोग आज भी उसे याद करते हैं।”

 

पीएम ने जवानों को सम्बोधित करते हुए कहा, “एक राष्ट्र तब अमर होता है जब उसकी संतानों को, उसके वीर बेटों और बेटियों को अपने सामर्थ्य पर परम विश्वास होता है। आपके वजह से देशवासी देश में चैन से रहते हैं, ये भारतवासियों के लिए खुशी की बात है।

 

प्रधानमंत्री ने रूस–यूक्रेन में भारत में फंसे भारतीयों का जिक्र करते हुए कहा कि यूक्रेन युद्ध के दौरान हमने देखा कि कैसे हमारा राष्ट्रीय ध्वज वहां फंसे हमारे नागरिकों के लिए एक ढाल बन गया। दुनियाभर में भारत का सम्मान बढ़ा है। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि भारत अपने आंतरिक और बाहरी दुश्मनों के खिलाफ सफलता के साथ मोर्चा ले रहा है।

 

पीएम मोदी ने अपने संबोधन में नक्सवाल का भी जिक्र किया। नक्सलवाद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि कभी नक्सलवाद ने देश के एक बड़े हिस्से को अपनी गिरफ्त में ले लिया था, लेकिन आज वो दायरा सिमट रहा है। आप सीमा पर कवच बनकर खड़े हुए हैं तो देश के भीतर देश के दुश्मनों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो रही है। आतंकवाद, नक्सलवाद आदि जो जड़े बीते वर्षों में पनपी थी उसे उखाड़ने का सफल प्रयास देश निरंतर प्रयास कर रहा है।

 

प्रधानमंत्री ने 3 सेनाओं की की शौर्य और पराक्रम की प्रशंसा की। उन्होंने युद्ध को अंतिम विकल्प बताते हुए कहा कि हमने युद्ध को कभी भी पहला विकल्प नहीं माना। हमने युद्ध को हमेशा अंतिम विकल्प माना है। हमने युद्ध को अंत तक टालने की कोशिश की है। हम युद्ध के खिलाफ हैं लेकिन सामर्थ्य के बिना शांति संभव नही है।

इससे पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा- सभी को दीपावली की शुभकामनाएं। दिवाली चमक और प्रकाश से जुड़ी है। यह पावन पर्व हमारे जीवन में सुख और समृद्धि की भावना को आगे बढ़ाए। मुझे आशा है कि आपके पास परिवार और दोस्तों के साथ एक शानदार दिवाली मनाएंगे। उन्होंने कहा कि मेरा सौभाग्य है मुझे वर्षों से दिवाली आपके बीच बॉर्डर पर आकर आपके साथ मनाने अवसर मिल रहा है।

प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी लगातार दिवाली का त्योहार देश की सुरक्षा में तैनात जवानों के साथ मना रहे हैं। 2014 में प्रधानमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद से वह हर साल सरहद की सुरक्षा कर रहे जवानों के संग दिवाली मनाते हैं। इस बार उनकी दिवाली कारगिल में होगी।

इससे पहले रविवार को पीएम मोदी रामनगरी अयोध्या पहुंचे थे। यहां प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि अयोध्याजी दीपों से दिव्य, भावनाओं से भव्य और भारत के सांस्कृतिक पुनर्जागरण के स्वर्णिम अध्याय का प्रतिबिंब हैं। मैं अयोध्या आते समय कल्पना कर रहा था कि जब 14 वर्ष के वनवास के बाद प्रभु श्रीराम वापस आए होंगे तो अयोध्या कैसे सजी और संवरी होगी। हमने त्रेतायुग की उस अयोध्या के दर्शन तो नहीं किए लेकिन आज श्रीराम के आशीर्वाद से अमोघ काल में अमर अयोध्या की अलौकिकता के साक्षी बन रहे हैं।

आगे उन्होंने कहा था कि हम उस सभ्यता व संस्कृति के वाहक हैं जिसके जीवन का पर्व व उत्सव स्वाभाविक हिस्सा रहा है। हमारे यहां जब भी समाज ने कुछ नया किया तो हमने एक नया उत्सव रच दिया। सत्य पर विजय के मानवीय संदेश को हमने जितनी मजबूती से जीवंत रखा इसमें भारत का कोई सानी नहीं है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad