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डॉक्टर पायल तड़वी मौत मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई 9 अगस्त तक स्थगित

मुंबई में हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गई पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल स्टूडेंट डॉक्टर पायल तड़वी की...
डॉक्टर पायल तड़वी मौत मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई 9 अगस्त तक स्थगित

मुंबई में हॉस्टल के कमरे में मृत पाई गई पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल स्टूडेंट डॉक्टर पायल तड़वी की आत्‍महत्‍या का मामले में बॉम्बे हाइकोर्ट ने न्यायाधीश के सामने मुख्य गवाहों के बयान दर्ज करने में देरी के लिए राज्य सरकार से सवाल किया। सरकार के वकील ने अदालत को आश्वासन दिया कि अगली सुनवाई से पहले बयान दर्ज किया जाएगा। अदालत ने आरोपी व्यक्ति की जमानत याचिका पर सुनवाई 9 अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी है।

इस मामले को लेकर पायल तड़वी के परिवार ने मुंबई पुलिस पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए थे। इसके साथ ही परिजनों ने कहा था कि पुलिस ने मामला दर्ज करने में भी देरी की।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पायल की गर्दन पर मिले थे निशान

पायल की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी गर्दन पर निशान मिले थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 'मौत का अनंतिम कारण' के तहत उसकी गर्दन पर निशान बताए थे। तड़वी के परिवार की ओर से इस मामले की पैरवी कर रहे वकील नितिन सतपुते ने आरोप लगाया था कि चोट के निशान से पता चलता है कि तड़वी की हत्या की गई और इसलिए आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।

तीनों डॉक्टरों को तड़वी की जाति के बारे में पता भी नहीं था

हालांकि, इस मामले में आरोपियों (तीनों आरोपी डॉक्टर- भक्ति मेहरा, अंकिता खंडेलवाल और हेमा आहुजा) के वकील आबाद पोंडा ने दलील दी थी कि तीनों डॉक्टरों को तड़वी की जाति के बारे में पता भी नहीं था। उन्होंने कहा था, 'आत्महत्या के लिए तब उकसाया जाता है जब कोई जानबूझ कर व्यक्ति को नुकसान पहुंचाना चाहता है लेकिन आरोपियों ने (इस मामले में) केवल उनके काम के लिए उन्हें डांटा था और उनको नुकसान पहुंचने की कोई मंशा नहीं थी।' वहीं, नितिन सतपुते ने कोर्ट में आरोप लगाया था, 'आरोपी पायल के शव को दूसरी जगह ले गए थे और उसके बाद अस्पताल लाया गया, ऐसे में सबूतों के साथ छेड़छाड़ का भी संदेह हैं।'

उन्हें नौकरी छोड़ देनी चाहिए थी या शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी

आरोपियों के वकील पोंडा ने कहा था कि अगर मृतका को कोई रास्ता नहीं सूझा तो उन्हें नौकरी छोड़ देनी चाहिए थी या शीर्ष अधिकारियों के पास शिकायत दर्ज करानी चाहिए थी, जो कि उसने नहीं की। व्हाट्सएप चैट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा था कि तड़वी ने अपनी मां को बताया था कि अस्पताल में कोई नहीं जानता कि उसकी जाति क्या है? उन्होंने कहा था कि पुलिस केवल पीड़िता की मां की शिकायत पर भरोसा कर रही है, जिन्होंने इस घटना के संबंध में तीनों आरोपियों की किसी खास भूमिका के बारे में नहीं बताया।

किसी पारिवारिक मुद्दे की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया हो

आरोपियों के एक अन्य वकील संजीव बहल ने अदालत को बताया था कि मृतका की शादी एक डॉक्टर के साथ हुई थी लेकिन उसके साथ रहने के बजाए वह हॉस्टल में रह रही थी तो हो सकता है कि किसी पारिवारिक मुद्दे की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया हो।

कमरे में तड़वी कथित तौर पर लटकती पाई गईं थीं

बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा था कि जिस कमरे में तड़वी कथित तौर पर लटकती पाई गईं थीं वह अंदर से बंद था इसलिए किसी और के वहां होने की संभावना नहीं बनती। उन्होंने कहा था कि आरोपियों के पास तड़वी के कमरे तक पहुंचने का कोई जरिया नहीं था और पुलिस ने दरवाजा खोला और शव बरामद किया।

कोर्ट ने 31 मई तक तीनों आरोपी डॉक्टर को भेजा था पुलिस रिमांड में

इस मामल में पुलिस ने तीन आरोपी डॉक्टर- भक्ति मेहरा, अंकिता खंडेलवाल और हेमा आहुजा को हिरासत में लेकर एक कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट ने उन्हें 31 मई तक पुलिस रिमांड में भेज दिया था। कोर्ट ने पुलिस की दलील को स्वीकार कर ली थी कि भक्ति मेहरा, हेमा आहूजा और अंकिता खंडेलवाल को हिरासत में लेने की जरूरत इसलिए है ताकि यह पता चल सके कि मृतका ने कोई सुसाइड नोट छोड़ा था और अगर छोड़ा था तो क्या आरोपियों ने उसे गुम कर दिया या नष्ट कर दिया।

पुलिस ने कोर्ट से कहा था कि आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए लेकिन पीड़िता के साथ उनके व्हाट्सऐप चैट को हासिल करने के लिए और समय की जरूरत है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया था कि मेहरा को जहां गिरफ्तार किया गया था वहीं से आहूजा एवं खंडेलवाल को पकड़ा गया था।

क्या है मामला

नायर अस्पताल के टॉपिकल नेशनल मेडिकल कॉलेज में गायनोकोलॉजी एंड ऑब्स्टेट्रिक्स के सेकेंड ईयर में पढ़ने वाली पायल की शादी 2016 में डॉक्टर सलमान से हुई थी। सलमान मुंबई के ही बालासाहेब ठाकरे मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। इस बारे में उनका कहना है, दिसबंर 2018 में एक डिनर के बाद हम दोनों साथ थे और वो अचानक ही जोर-जोर से रोने लगी, कहने लगी कि अब उससे सहा नहीं जाता है। मैंने उसे कुछ दिन अस्पताल जाने नहीं दिया। घर पर रहकर वो ठीक हो गई थी। करीब एक सप्ताह बाद मैं उसके साथ हेड ऑफ डिपार्टमेंट से मिला। हमने उन्हें इस पूरे प्रकरण के बारे में बताया। मैंने उनसे कहा था कि मुझे मेरी बीवी हंसती खेलती चाहिए। उसका मानसिक संतुलन खराब नहीं होना चाहिए। इसके बाद उन्होंने पायल को एक कोर्स के लिए दूसरी यूनिट में भेज दिया। फरवरी 2019 तक वो ठीक थी।

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