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एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव में बोले नरेंद्र सिंह तोमर- न किसान बेचारा, न कृषि बेचारी, दोनों देश के महत्वपूर्ण स्तंभ

आउटलुक एग्रीकल्चर कॉनक्लेव एंड स्वराज अवार्ड्स 2020 कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण...
एग्रीकल्चर कॉन्क्लेव में बोले नरेंद्र सिंह तोमर- न किसान बेचारा, न कृषि बेचारी, दोनों देश के महत्वपूर्ण स्तंभ

आउटलुक एग्रीकल्चर कॉनक्लेव एंड स्वराज अवार्ड्स 2020 कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम करें तो क्रांतिकारी परिवर्तन संभव है। उन्होंने कहा कि गांव और कृषि की मजबूती विकसित देश बनेगा। कृषि की समृद्धि जरुरी। गांव और कृषि हमेशा सरकार की प्राथमिकता में रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि ग्रामीण इंफ्रासंट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र को काफी अहमियत दी जा रही है। इसके लिए बजट में तीन लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। केद्र और राज्य सरकारें मिलकर काम करेंगी तो क्रांतिकारी परिवर्तन संभव है। कृषि के हर क्षेत्र में स्थितियां अनुकूल है इसलिए उत्पादन बढ़ने की पूर्ण संभावना है।

एक साल में 50 हजार करोड़ रु किसानों को मिला

कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों के हित के लिए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड, केसीसी से ऋण लेने वाले किसानों के लिए फसल बीमा योजना को किसानों की इच्छा पर निर्भर कर दिया है। केंद्र सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए पीएम किसान योजना के तहत एक साल के अंदर साढ़े आठ करोड़ किसानों को 50 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि जारी की जा चुकी है।

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इजरायल के राजदूत के मुताबिक खेत जोतने से लेकर फसल बेचने तक पूरा काम किसान करता है। उन्होंने कहा कि भारत में यह अवधारणा पुरानी है। गांव में हर तरह के वेस्ट प्रोडक्ट का इस्तेमाल होता था। यही भारतीय चिंतन रहा है। हालांकि बीच में एक समय ऐसा आया जब एकांगी विचार उभरने लगा। साथ ही केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह भी कहा कि न तो किसान बेचारे हैं और ना ही कृषि बेचारी हैं। ये दोनों ही देश के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।

जीडीपी में कृषि का योगदान भले ही कम हो लेकिन तकनीक के प्रयोग से इसे बढ़ाया जा सकता है। कृषि के योगदान के साथ जीडीपी में बढ़ोतरी होगी। इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि 10 हजार फार्मर प्रोड्यूसर ऑरग्नाइजेशन (एफपीओ) के लिए पंद्रह सौ करोड़ रुपए का प्रावधान है।एक एफपीओ को खड़ा करने के लिए करीब 15 लाख रुपए का खर्च आता है।

विशेष योगदान करने वाले विजेताओं को पुरस्कार

कार्यक्रम के दौरान हुए पैनल डिस्कशन में देश की कृषि क्षेत्र की जानी-मानी हस्तियां,नीति निर्धारक और विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। कॉनक्लेव में किसानों के अलावा कृषि क्षेत्र में सक्रिय दूसरे संगठनों और संस्थानों को विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दिए गए। विशेष योगदान करने वाले विजेताओं का चयन कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों की ज्यूरी द्वारा किया गया है। ये पुस्कार कॉनक्लेव के समापन समारोह में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा प्रदान किए गए। कॉनक्लेव के उद्घाटन सत्र को  हरियाणा के कृषि मंत्री,जय प्रकाश दलाल. मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री सचिन यादव ने संबोधित किया।

 

 

 

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