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छात्रों पर लाठीचार्ज का पूरे देश में विरोध, विपक्ष एकजुट, फिल्म-खेल जगत ने भी की निंदा

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन सोमवार को पूरे देश में फैल गया। उत्तर में चंडीगढ़ से लेकर...
छात्रों पर लाठीचार्ज का पूरे देश में विरोध, विपक्ष एकजुट, फिल्म-खेल जगत ने भी की निंदा

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन सोमवार को पूरे देश में फैल गया। उत्तर में चंडीगढ़ से लेकर दक्षिण में केरल तक और पूरब में असम से लेकर पश्चिम में गुजरात तक लोगों का गुस्सा दिखा। कई यूनिवर्सिटी-कॉलेज के छात्र-छात्राओं ने जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। विपक्षी नेता भी इस मुद्दे पर एकजुट दिखे। फिल्म और खेल जगत की हस्तियों ने भी छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की निंदा की है। जामिया में सुबह कई छात्र कड़कड़ाती ठंड में कमीज उतारकर विरोध प्रदर्शन करते रहे। जामिया और एएमयू में पुलिस कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को सुनवाई करेगा। हालांकि रविवार को हिरासत में लिए गए जामिया के सभी छात्रों को सोमवार को छोड़ दिया गया।

जामिया में हिंसा के खिलाफ बुजुर्ग महिलाओं ने निकाला मार्च

जामिया के छात्रों पर पुलिस के लाठीचार्ज के विरोध में दिल्ली में सोमवार को विभिन्न आयु वर्ग की महिलाओं ने मार्च निकाला। इनमें 60 साल से अधिक की महिलाएं भी थीं। उनका कहना है कि न्याय के लिए वे आखिरी सांस तक लड़ेंगी। जामिया में पुलिस ने छात्राओं को भी नहीं बख्शा था। इस सिलसिले में राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रमुख रेखा शर्मा ने दिल्ली पुलिस के आयुक्त अमूल्य पटनायक को पत्र लिखा है।

जामिया कुलपति ने कहा एफआईआर कराएंगे, पुलिस बोली- न्यूनतम बल का इस्तेमाल

दिल्ली में जामिया और दिल्ली विश्वविद्यालय के हजारों छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। दिल्ली विश्वविद्यालय के अनेक छात्रों ने परीक्षाओं का बहिष्कार किया है। जामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने कहा कि पुलिस बिना इजाजत के रविवार को कैंपस में घुस गई थी। इसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। उन्होंने घटना की उच्चस्तरीय जांच की भी मांग की। इस बीच दिल्ली पुलिस ने कहा है कि रविवार को हिंसा की वारदात की क्राइम ब्रांच जांच करेगी। पुलिस के अनुसार उन्होंने जामिया में “बल का न्यूनतम इस्तेमाल किया।”

कई यूनिवर्सिटी के छात्र सड़कों पर उतरे, यूपी के कई शहरों में इंटरनेट बंद

उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, बीएचयू और लखनऊ के नदवा कॉलेज में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। कुछ जगहों पर उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई। अलीगढ़ में 21 लोग हिरासत में लिए गए। राज्य में कई जगहों पर इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई। आईआईएम अहमदाबाद और कई आईआईटी के छात्रों ने भी विरोध प्रदर्शन किया। हैदराबाद की मौलाना आजाद उर्दू यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी जामिया और एएमयू के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाई। उन्होंने भी अपनी परीक्षाएं टालने की मांग की है। जामिया और एएमयू में छात्रों पर पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में मुंबई में भी छात्र सड़कों पर उतर आए। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस और मुंबई यूनिवर्सिटी के छात्रों ने एनआरसी और नागरिकता कानून का भी विरोध किया।

पश्चिम बंगाल में हिंसा जारी, लेकिन असम में हालात काबू में

पश्चिम बंगाल में कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने राजमार्ग और रेल यातायात बाधित कर दिया। कुछ जगहों पर लूट और आगजनी भी हुई। मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने कोलकाता में विरोध-मार्च निकाला। उन्होंने कहा कि उनके रहते राज्य में नागरिकता कानून और एनआरसी लागू नहीं होगा। नए कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन असम से शुरू हुआ था। लेकिन वहां सोमवार को स्थिति नियंत्रण में थी। हालांकि गुवाहाटी और कई अन्य शहरों में इंटरनेट सेवा और एक दिन के लिए बंद रखने का फैसला लिया गया।

कानून बदलने के लिए संसद का आपात सत्र बुलाने की मांग

कांग्रेस, सीपीएम समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने नई दिल्ली में साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने नागरिकता कानून के साथ-साथ छात्रों पर पुलिस कार्रवाई का भी कड़ा विरोध किया। समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने नागरिकता कानून में बदलाव करने के लिए संसद का आपात सत्र बुलाने की मांग की। केरल में संभवतः पहली बार दो विरोधी गठबंधन- यूडीएफ और एलडीएफ एक साथ नजर आए। दोनों दलों के नेताओं ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

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