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कोटा में बच्चों की मौत पर पायलट ने अपनी ही सरकार को घेरा, कहा- जिम्मेदारी से नहीं बच सकते

कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा शनिवार को 107 तक पहुंच गया। इस मामले पर शनिवार को...
कोटा में बच्चों की मौत पर पायलट ने अपनी ही सरकार को घेरा, कहा- जिम्मेदारी से नहीं बच सकते

कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा शनिवार को 107 तक पहुंच गया। इस मामले पर शनिवार को उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हमारी प्रतिक्रिया अधिक संवेदनशील हो सकती थी। हमें सरकार में आए 13 महीने हो चुके हैं। पुरानी सरकारों को दोष देने से काम नहीं चलेगा। हमें जिम्मेदारी तय करनी होगी।

केंद्रीय नेतृत्व की नाराजगी के बाद उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट शनिवार को अस्पताल पहुंचे और कोटा में कई मृत बच्चों के परिवार से मिले। उन्होंने कहा कि पहले क्या हुआ इस पर चर्चा नहीं होनी चाहिए, लेकिन अब जिम्मेदारी हमारी है। बता दें कि पिछले दिनों राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जब कोटा में बच्चों की मौत पर सवाल किया गया था तो उन्होंने पहले की सरकार पर दोष मढ़ा था और आंकड़े दिखाते हुए कहा था कि हमारी सरकार में कम मौतें हुई हैं।

केंद्र सरकार की टीम पहुंची अस्पताल

वहीं, स्थिति का जायजा लेने के लिए केंद्र सरकार की एक टीम शनिवार को अस्पताल पहुंची। इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने राजस्थान सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। लोकसभा अध्यक्ष और कोटा से सांसद ओम बिरला ने जेके लोन अस्पताल में मारे गए बच्चे के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने कोटा अस्पताल में बच्चों की बढ़ती मौत के लिए अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार की कड़ी आलोचना की।

समिति ने बताई थी सुधार की जरूरत

राज्य सरकार के डॉक्टरों की तीन सदस्यीय समिति को 23 और 24 दिसंबर को इस मामले की जांच के लिए भेजा गया था, जिसने पाया गया कि कोटा के जेके लोन अस्पताल में बेड कम है और इसमें सुधार की आवश्यकता है। हालांकि, समिति ने हाल ही में वहां भर्ती बच्चों की मौत पर किसी भी चूक के लिए डॉक्टरों को क्लीन चिट दे दी। सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल दिसंबर में सरकारी अस्पताल में कम से कम 91 शिशुओं ने अपनी जान गंवाई थी।

एनएचआरसी ने दिया नोटिस

इस बीच, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसॉ) ने राजस्थान के मुख्य सचिव को नोटिस जारी करते हुए उठाए गए कदमों के बारे में 4 सप्ताह के भीतर एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। आयोग ने मुख्य सचिव से यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि अस्पतालों में बुनियादी सुविधाओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के कारण बच्चों की इस तरह की मौत भविष्य में न हो।

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