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विदेश मंत्रालय ने कहा, एलएसी पर चीन ने की यथास्थिति बदलने की कोशिश, नुकसान दोनों देशों को

भारत चीन के बीच कल देर रात गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत तीन सैनिक...
विदेश मंत्रालय ने कहा, एलएसी पर चीन ने की यथास्थिति बदलने की कोशिश, नुकसान दोनों देशों को

भारत चीन के बीच कल देर रात गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी समेत तीन सैनिक शहीद हो गए और इस स्थिति के बाद भारत-चीन के बीच तनाव बढ़ गया है। इस पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन की सेना ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति बदलने की कोशिश की जिससे दोनों पक्षों के बीच हिंसक झड़प हुई और दोनों तरफ से लोग हताहत हुए, जो हुआ उससे बचा जा सकता था। साथ ही मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश तनाव कम करने के लिए सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर बात कर रहे हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने एक बयान कहा कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सैन्य और राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी है। 6 जून को दोनों देशों के सीनियर कमांडरों के बीच बातचीत हुई और सीमा पर विवाद को कम करने की प्रक्रिया शुरू करने पर सहमति बनी। इसे लागू करने के लिए ग्राउंड कमांडरों के बीच कई बैठकें हुईं। उन्होंने कहा कि भारत को उम्मीद थी कि विवाद कम करने की प्रक्रिया में कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन चीन अपनी बात से मुकर गया। उसने गलवान घाटी में एलएसी पर इस सहमति के अनुरूप काम नहीं किया।

भारत का जिम्मेदारी का रहा है

उन्होंने कहा कि सीमा प्रबंधन को लेकर भारत का जिम्मेदार रवैया है। भारत सारे काम एलएसी  में अपनी सीमा के अंदर ही करता है। चीन से भी ऐसी उम्मीद हम रखते हैं। बयान में कहा गया कि भारत सीमा क्षेत्रों में शांति और बातचीत के माध्यम से मतभेदों का समाधान चाहता है।

बता दें कि भारत और चीन के रिश्तों में एक महीने से ज्यादा समय से तनाव चल रहा है और लद्दाख में एलएसी  के पास मई के शुरुआत से ही दोनों देशों की सेना आमने-सामने हैं। ये तनाव 15 जून को और बढ़ गया जब सोमवार रात को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई और सैनिक हताहत हुए।

चीन के विदेश मंत्रालय ने विरोध दर्ज कराया

वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि चीन ने भारत के सामने अपना विरोध दर्ज कराया है। हम भारत को प्रासंगिक समझौते का ईमानदारी से पालन करने और अपने सीमावर्ती सैनिकों को सख्ती से रोकने की मांग कर रहे हैं। भारतीय सैनिकों को सीमा पार नहीं करनी चाहिए। हालांकि बाद में चीन के विदेश मंत्रालय की तरफ से कहा गया कि भारत और चीन दोनों सीमा विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।

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