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योगी आदित्यनाथ ने कहा, भारतीय मजदूरों के खून-पसीने से बना है ताजमहल

ताजमहल को लेकर संगीत सोम की ओर से दिए गए विवादित बयान पर असदुद्दीन औवेसी और आजम खान के बाद अब सीएम...
योगी आदित्यनाथ ने कहा, भारतीय मजदूरों के खून-पसीने से बना है ताजमहल

ताजमहल को लेकर संगीत सोम की ओर से दिए गए विवादित बयान पर असदुद्दीन औवेसी और आजम खान के बाद अब सीएम योगी का बयान आया है। आदित्यनाथ ने कहा कि वह संगीत सोम के बयान से सहमत नहीं हैं। योग ने आज कुशीनगर में संगीत सोम के बयान को एक सिरे से खारिज कर दिया है।

सोमवार को संगीत सोम द्वारा दिए गए विवादित बयान के बाद अब इस मुद्दे पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी बोल पड़े। संगीत सोम के बयान पर मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कम से कम मैं तो संगीत सोम के बयान से सहमत नहीं हूं। उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि ताजमहल तो भारतीय मजदूरों के खून-पसीने से बना है। योगी ने कहा कि ताजमहल देश तथा प्रदेश के पर्यटन मानचित्र पर बना रहेगा।  


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 25 अक्टूबर को आगरा के ताजमहल जाएंगे। अपने आगरा दौरे के दौरान मुख्यमंत्री योगी ताजमहल और लाल किला घूमने भी जाएंगे। इस दौरान योगी आगरा जिले में कई योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी कर सकते हैं।

मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान ताजमहल विवाद पर आजम ने कहा कि हम लोगों को गुलामी की सभी ऐसी निशानियों को मिटा देना चाहिए, जो हमें याद दिलाती हैं कि उन्होंने हम पर राज किया था। आजम खान ने कहा, मैंने पहले भी कहा है कि हमें संसद, कुतुब मिनार, राष्ट्रपति भवन, लाल किला और आगरा का यह ताजमहल सब नष्ट कर देना चाहिए।

इससे पहले, ताजमहल को लेकर संगीत सोम के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल पूछा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले पर राष्ट्रीय झंडा फहराना बंद करेंगे? हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने कहा कि यह बहुत आश्चर्यजनक है कि जिसने संविधान की शपथ ली है, वह अहंकार और अज्ञानता से बात कर रहा है। ओवैसी ने पत्रकारों से कहा, अगर वह जो कह रहे हैं वह सही है तो प्रधानमंत्री फिर क्यों लालकिले जाकर झंडा फहराते हैं क्योंकि लाल किला भी गद्दारों ने बनाया था।  

बता दें कि ताजमहल को लेकर यह विवाद संगीत सोम के बयान के बाद शुरू हुआ जिसमें उन्होंने बाबर, अकबर और औरंगजेब को 'गद्दार' कहा था। सोम ने कहा था कि इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करके उन लोगों को महापुरुष बताया गया।

 

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