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जेट एयरवेज के सीएफओ के बाद अब सीईओ विनय दुबे ने दिया इस्तीफा

जेट एयरवेज के डिप्टी सीईओ और सीएफओ अमित अग्रवाल के बाद सीईओ विनय दुबे ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया।...
जेट एयरवेज के सीएफओ के बाद अब सीईओ विनय दुबे ने दिया इस्तीफा

जेट एयरवेज के डिप्टी सीईओ और सीएफओ अमित अग्रवाल के बाद सीईओ विनय दुबे ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे में उन्होंने निजी कारणों का हवाला दिया है। एयरलाइन ने स्टॉक एक्सचेंज को यह जानकारी दी है। एयरलाइंस कंपनी ने मध्य अप्रैल में नकदी की समस्या के कारण अस्थायी तौर पर परिचालन बंद कर दिया था। पिछले एक महीने में कंपनी के अधिकतर बोर्ड सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है।

इससे पहले कंपनी के डिप्टी सीईओ और सीएफओ अमित अग्रवाल ने इस्तीफा देते हुए अमित अग्रवाल ने कहाथा , 'मैं सूचित करना चाहता हूं कि मैं व्यक्तिगत कारणों से अपनी सेवाओं से त्यागपत्र दे रहा हूं।'  उनका इस्‍तीफा 13 मई से प्रभावी है। इससे पहले गौरंग शेट्टी के अलावा स्वतंत्र निदेशक राजश्री पाथी और गैर-कार्यकारी निदेशक नसीम जैदी ने इस्तीफा दिया था। नसीम जैदी मुख्‍य निर्वाचन आयुक्‍त रह चुके हैं।

तीन निदेशक ही बचे

23 अप्रैल को गौरंग शेट्टी ने व्यक्तिगत कारणों से जेट एयरवेज के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया था। जेट एयरवेज के निदेशक मंडल में अब केवल तीन निदेशक रॉबिन कामारक, अशोक चावला और शरद शर्मा रह गए हैं। जेट एयरवेज के प्रमोटर व संस्थापक नरेश गोयल और उनकी पत्‍नी ने बीते मार्च में बोर्ड मीटिंग के दौरान ही इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की अगुवाई में कर्जदाताओं ने कंपनी का प्रबंधन अपने हाथों में ले लिया।

एतिहाद ने जताई खरीदने की इच्छा

कई महीनों से पायलट और अन्य कर्मचारियों की सैलरी न दे पाने की वजह से भी एयरलाइन लंबे समय से संकट में घिरी थी। जेट एयरवेज के बंद होने की वजह से हजारों कर्मचारियों को नौकरी गंवानी पड़ी। जेट की हिस्सेदारी खरीदने से भी कंपनियां परहेज कर रही हैं। हालांकि जेट के ही अंतरराष्ट्रीय सहयोगी एतिहाद ने हिस्सेदारी खरीदने की इच्छा जताई है। एतिहाद ने कहा है कि वह जेट में 1700 करोड़ रुपये का निवेश कर सकती है। एतिहाद ने जेट की उधारी चुकाने के बारे में कोई वादा नहीं किया है। पिछले शुक्रवार को जेट के लिए बोली लगाने की समय सीमा खत्म हो गई और तब तक सिर्फ एतिहाद ने ही बोली लगाई थी। उसने डेडलाइन खत्म होने से कुछ मिनट पहले ही बोली सौंपी थी। उसके अलावा जेट की खातिर नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ), टीपीजी कैपिटल और इंडिगो पार्टनर्स को चुना गया है।

15,000 करोड़ के निवेश की जरूरत

जेट को अभी कम से कम 15,000 करोड़ के निवेश की जरूरत है। जेट एयरवेज को बैंकों ने भी मदद देने से हाथ खड़े कर दिए थे। जेट को कर्ज देने वाले बैंकों में से एक के अधिकारी ने बताया कि अगर यह तफ्तीश मुकम्मल जांच में बदलती है तो किसी वनटाइम डेट सेटलमेंट की संभावना खत्म हो सकती है या उसमें देरी हो सकती है। जेट पर कुल 8,500 करोड़ का कर्ज है।

 

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