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भारतीय मजदूर संघ ने नीति आयोग की कार्यशैली पर उठाए सवाल

स्वदेशी जागरण मंच के बाद अब आरआरएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने नीति आयोग की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं तथा आयोग को मजदूर व किसान विरोधी करार दिया है। संघ का कहना है कि आयोग में श्रमिकों की समस्याएं जानने वाले कोई सदस्य नहीं है। ज्यादातर कारपोरेट सेक्टर से जुड़े लोग हैं। संघ आयोग के फिर से गठन करने की मांग को लेकर संघ देशभर में 22 व 23 जून को विरोध प्रदर्शन करेगा।
भारतीय मजदूर संघ ने नीति आयोग की कार्यशैली पर उठाए सवाल

भारतीय मजूदर संघ दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष बी एस भाटी ने एक प्रेस कांफ्रेस में कहा कि आयोग आर्थिक योजनाओं को बनाने में खरा नहीं उतर पाया है तथा इससे देश का विकास नहीं हो सकता। आयोग हर माह उद्योगों को बंद करने की सिफारिश कर रहा है तथा मजदूर विरोधी काम कर रहा है क्योंकि आयोग के पास श्रमिकों से जुड़ी समस्याएं जानने वाला कोई नहीं है। श्रम कानूनों में संसोधनों का विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि हमें संसोधन नहीं बदलाव चाहिए। किसानों की समस्याएं सुलझने के बजाय उलझती जा रही है और किसान आत्महत्या करने को मजबूर हैं। आयोग के फैसले नियोक्ता के हक में है तथा महिलाओं के नेत़ृत्व की भी कोई योजना नहीं है।

संघ के क्षेत्रीय संगठन मंत्री पवन कुमार ने कहा कि आयोग ने यह कहकर टैलेंट ग्रुप बनाया है कि वह विदेशों से प्रतिभा लाएगा लेकिन इससे यहां के उद्योग बंद होगे और एफडीआई व मल्टीनेशनल को बढ़ावा मिलेगा। पिछले दिनों संघ के राष्ट्रीय अधिवेशन में आयोग को पुनगर्ठित करने की मांग को लेकर एक प्रस्ताव भी पारित किया गया। आयोग को अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के दायरे में रहकर काम करना चाहिए। मजदूर संघ आयोग के विरोध के कामकाज व पुनगर्ठन की मांग को लेकर देशभर में 22 व 23 जून को प्रदर्शन करेगा।

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