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निर्भया के दोषियों को फांसी देने के मामले में कोर्ट ने जेल प्रशासन से शुक्रवार तक मांगी रिपोर्ट

निर्भया मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों की निर्धारित फांसी की स्थिति के बारे में...
निर्भया के दोषियों को फांसी देने के मामले में कोर्ट ने जेल प्रशासन से शुक्रवार तक मांगी रिपोर्ट

निर्भया मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने दोषियों की निर्धारित फांसी की स्थिति के बारे में तिहाड़ जेल प्रशासन को शुक्रवार तक रिपोर्ट दायर करने के निर्देश दिये। कोर्ट ने जेल प्रशासन को कहा है कि वह 22 जनवरी को फांसी देने के मामले में पूरी स्थिति से दिल्ली सरकार को अवगत कराएं। वहीं, दोषी मुकेश की दया याचिका दिल्ली सरकार ने खारिज कर दी है और यह गृह मंत्रालय के पास पहुंच गई है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा ने जेल प्रशासन से कहा कि वह दिल्ली जेल के नियमों की धारा 840 के तहत मुकेश की दया याचिका के बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। हालांकि, जज ने फांसी की तारीख बदलने से इनकार कर दिया।

चार दोषियों में एक मुकेश ने ट्रायल कोर्ट से डेथ वॉरंट रद्द करने की अपील की थी। इससे पहले दोषी मुकेश ने दिल्ली हाई कोर्ट से भी गुहार लगाई गई थी, लेकिन हाई कोर्ट ने उसकी अर्जी खारिज करते हुए निचली अदालत के पास ही जाने का निर्देश दिया था। मुकेश की अपील पर पटिलाया हाउस कोर्ट ने दिल्ली सरकार और निर्भया के माता-पिता की राय भी मांगी थी।

डेथ वारंट पर रद्द करने की थी गुहार

दोषी मुकेश ने याचिका में कहा कि उसकी दया याचिका दिल्ली के उपराज्यपाल और राष्ट्रपति के पास लंबित है। ऐसे में 22 जनवरी को फांसी देने के लिए जारी डेथ वॉरंट रद्द किया जाए। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने कहा था कि चारों दोषियों को 22 जनवरी को फांसी नहीं दी जा सकती क्योकि जेल नियमों के तहत किसी एक मामले में एक से ज्यादा दोषियों को मौत की सजा दी गई हो तो जब तक एक भी दोषी की दया याचिका लंबित हो तो उस पर फैसला होने तक किसी भी दोषी को फांसी नहीं दी सकती।

14 दिन पहले जारी किया जाता है नोटिस

बुधवार को तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से पेश वकील राहुल मेहरा ने कहा था कि दया याचिका खारिज होने के 14 दिन बाद दोषियों को फांसी दी जा सकती है। हम कानूनी प्रावधानों के साथ बंधे हैं। ऐसे में दया याचिका खारिज होने के बाद फांसी से 14 दिन पहले नोटिस दिया जाता है।  वह भी तब जब राष्ट्रपति महोदय के पास पहुंची दया याचिका खारिज हो जाती है। वहीं, दिल्ली और केंद्र सरकार दोनों की ओर से कोर्ट को बताया गया कि डेथ वारंट के खिलाफ याचिका अपरिपक्व है। 

बता दें कि निर्भया के माता-पिता की याचिका पर 7 जनवरी को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अहम फैसले में डेथ वारंट जारी किया था, इसके खिलाफ ही एक दोषी मुकेश ने याचिका दी थी।

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