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पंजाब: सिद्धू ने बीते 10 जून को दे दिया था मंत्री पद से इस्तीफा, अब किया खुलासा

क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसका...
पंजाब: सिद्धू ने बीते 10 जून को दे दिया था मंत्री पद से इस्तीफा, अब किया खुलासा

क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है, जिसका खुलासा उन्होंने करीब एक महीने बाद किया। सिद्धू ने खुद ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी और कहा कि उन्होंने गत 10 जून को तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा था। ट्विटर पर उन्होंने वह पत्र भी पोस्ट किया है, जिसे उन्होंने तत्कालीन पार्टी अध्यक्ष के नाम लिखा था। साथ ही उन्होंने कहा है कि वह पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर को इस्तीफा भेजेंगे। वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से कहा गया है कि अभी तक उन्हें सिद्धू का इस्तीफा नहीं मिला है।

लंबे समय से सीएम कैप्टन से विवाद

बता दें कि सिद्धू सीएम कैप्टन अमरिंदर के साथ जारी विवाद को लेकर पिछले दिनों सुर्खियों में रहे। लोकसभा चुनावों के समय से ही दोनों नेताओं में मनमुटाव जारी है। सीएम कैप्टन अमरिंदर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में से भी सिद्धू नदारद रहे थे।

छीना गया था विभाग

लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी के खराब प्रदर्शन के लिए खुद को जानबूझकर निशाना बनाए जाने का सिद्धू ने आरोप लगाया। वहीं सीएम ने सिद्धू से उनका विभाग छीन लिया था। इसके बाद से ही सिद्धू कैप्टन से नाराज बताए जा रहे थे। 

9 जून को राहुल गांधी से मिले थे सिद्धू

विभाग बदले जाने के बाद सिद्धू ने अपना कार्यभार ग्रहण नहीं किया और राहुल गांधी व प्रियंका गांधी से मुलाकात की थी। सिद्धू ने आज 14 जुलाई से पहले आखिरी बार 9 जून को ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था, "कांग्रेस अध्यक्ष से मिला। उन्हें अपना पत्र सौंपा, हालात से अवगत कराया।" उन्होंने ट्वीट के साथ एक तस्वीर भी पोस्ट की थी, जिसमें वे राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा गांधी और अहमद पटेल के साथ खड़े दिखे। हालांकि तब इस बात का जिक्र उन्होंने नहीं किया था कि पत्र में क्या है। अब इसका खुलासा हो गया है।

सिद्धू के इस्तीफा देने के कारण कई कारण माने जा रहे हैं। वह कई वजहों से नाराज चल रहे थे। इनमें कुछ वजहें ये मानी जा सकती हैं-

उपमुख्यमंत्री का पद न मिलना

पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए नवजोत सिद्धू को कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री पद मिलने की उम्मीद थी। पर उनकी उम्मीदें उस समय टूट गई जब उन्हें पंजाब कैबिनेट में स्थानीय निकाय मंत्रालय सौंप दिया गया था।

माइनिंग पॉलिसी

सिद्धू ने पंजाब सरकार को नई माइनिंग पालिसी लागू करने का सुझाव दिया था। सिद्धू की मांग को दरकिनार करके सिंचाई विभाग ने रेत खड्डों की नीलामी के लिए कलस्टर मॉडल अपनाने का मसौदा तैयार किया था।

करतारपुर कॉरिडोर को लेकर क्रेडिट न मिलना

पिछले साल अगस्त में इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में गए सिद्धू पाकिस्तान द्वारा करतारपुर कॉरिडोर बनाने के लिए तैयार होने की खुशखबरी लाए थे लेकिन बाद में उन्हें करतारपुर कॉरिडोर का क्रेडिट नहीं दिया गया। इसी से नाराज चल रहे सिद्धू कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह में भी नहीं पहुंचे थे।

पत्नी को लोकसभा टिकट न मिलना

सिद्धू पत्नी को चंडीगढ़ से लोकसभा टिकट दिलवाना चाहते थे। पर कैप्टन के बीच में पड़ने से हाईकमान ने टिकट पवन बांसल को दे दी। इसे लेकर भी सिद्धू  कैप्टन से खफा था।

लोकसभा चुनाव में हार के लिए जिम्मेदार ठहराना

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने सिद्धू को लेकसभा चुनाव में हार के लिए जिम्मेदार ठहराया था। उनका कहना था कि सिद्धू के कारण ही पार्टी पंजाब में 13 की 13 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल नहीं कर सकी।

सिद्धू का पत्र-


 

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