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शेल्टर होम के 30,000 से अधिक बच्चों के आधार कार्ड ‘ट्रैक चाइल्ड’ पोर्टल से किए गए लिंक

मुजफ्फरपुर और देवरिया शेल्टर होम कांड के बाद बच्चों को लेकर चिंता बढ़ी है। इसी क्रम में शेल्टर होम में...
शेल्टर होम के 30,000 से अधिक बच्चों के आधार कार्ड ‘ट्रैक चाइल्ड’ पोर्टल से किए गए लिंक

मुजफ्फरपुर और देवरिया शेल्टर होम कांड के बाद बच्चों को लेकर चिंता बढ़ी है। इसी क्रम में शेल्टर होम में रह रहे 30,000 से ज्यादा बच्चों के आधार कार्डों को ‘ट्रैक चाइल्ड’ पोर्टल से जोड़ा गया है। एक अधिकारी ने बताया कि इससे बाल गृहों से लापता हुये बच्चों की रिपोर्ट करने और उससे संबंधी जानकारियां हासिल करने में मदद मिल सकेगी।

‘ट्रैक चाइल्ड’ पोर्टल उन सभी बच्चों के केंद्रीय डेटाबेस के तौर पर काम करता है, जो देश के विभिन्न हिस्सों से लापता हो जाते हैं। यह गुमशुदा बच्चों की तलाश में सहायता के लिए एक प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने का कार्य करता है। यह पोर्टल बाल गृहों, पुलिस विभागों और राज्य सरकारों के बीच समन्वय में सहायता करता है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि बाल गृहों में रह रहे बच्चों की संख्या की जानकारी के लिए सरकार बाल गृहों में बच्चों के आधार कार्ड को इस पोर्टल से लिंक कर रही है और अब तक 30,835 बच्चों की आधार संख्या को लिंक किया जा चुका है।

देश भर में 9,000 से ज्यादा बाल देखभाल गृहों में कुल 2,61,566 बच्चे रह रहे हैं। इनके आधार कार्डों को ट्रैक चाइल्ड से लिंक करने का मकसद गुमशुदा बच्चों को ढूंढ़ने में सहायता करना तो है ही, साथ ही इससे यह भी पता चल सकेगा कि यदि उस लापता बच्चे को कहीं भर्ती करने की कोशिश की जाती है तो उसकी जानकारी इससे मिल पाएगी।

अधिकारी ने बताया, ‘‘मंत्रालय ने इससे संबंधित सभी हितधारकों से सभी बाल गृहों में बच्चों का आधार पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए कहा है। राज्य सरकारों द्वारा आवश्यक कदम उठाये गये हैं। ट्रैक चाइल्ड पोर्टल पर बच्चे का आधार विवरण डालने का प्रावधान तो पहले ही कर दिया गया था।

पिछले कुछ समय में देश के कई हिस्सों में बाल गृहों से बच्चों के गुम होने की खबर आयी है। इसे देखते हुये इन प्रयासों को तेज कर दिया गया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2014, 2015 और 2016 में क्रमश: कुल 68,874, 60,443 और 63,407 बच्चे लापता हुए हैं।

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