Advertisement

पीएम मोदी ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के बाद ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का भी किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बागपत में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। यह...
पीएम मोदी ने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के बाद ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का भी किया उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बागपत में ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया। यह एक्सप्रेसवे गाजियाबाद, फरीदाबाद, पलवल और ग्रेटर नोएडा के बीच सिग्नल फ्री कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी मौजूद थे। 

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक्सप्रेसवे के लोकार्पण के अवसर पर मैं उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार करता हूं। उन्होंने कहा कि 500 दिनों के अंदर इस एक्सप्रेसवे का निर्माण करके नितिन गडकरी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने जो एक नई कार्यसंस्कृति को जन्म दिया है वह सराहनीय है।

इससे पहले मोदी ने 7,500 करोड़ रुपये की लागत से बने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के पहले चरण का उद्घाटन किया । उद्घाटन के बाद उन्होंने रोड शो में भी भाग लिया। इस दौरान वह खुली जीप में यूपी गेट तक गए। इस दौरान उन्होंने हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। यहां के बाद मोदी बागपत जाएंगे जहां ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे। ये स्मार्ट एक्सप्रेसवे गाजियाबाद, कुंडली और पलवल को जोड़ेगा जिससे दिल्ली के ट्रैफिक और प्रदूषण में कमी आएगी।

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का पहला हिस्सा नौ किलोमीटर का है। इससे दिल्ली के निज़ामुद्दीन पुल से गाज़ियाबाद के यूपी गेट तक की नौ किलोमीटर की दूरी सिर्फ दस मिनट में तय की जा सकेगी। पहले इसके लिए पहले आधे घंटे से ज्यादा समय लगता था। मेरठ हाइवे सौर ऊर्जा से लैस होगा। 

जानिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे के बारे में

-दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर दिल्ली से डासना के बीच करीब 28 किलोमीटर मार्ग पर एक साइकिल ट्रैक बनाया गया है। इस एक्सप्रेसवे की वजह से दिल्ली से मेरठ की यात्रा का समय घटकर 45 मिनट रह जाएगा। अभी इसमें करीब ढाई घंटे का समय लगता है।

-इस परियोजना की पूरी लंबाई 82 किलोमीटर है। इसमें से 27.74 किलोमीटर हिस्सा 14 लेन का होगा, जबकि शेष एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा। 
-इस एक्सप्रेसवे से दिल्ली-मेरठ रोड पर 31 ट्रैफिक सिग्नल हट जाएंगे। यह सिग्लन या लालबत्ती मुक्त क्षेत्र हो जाएगा। यह इस इलाके का सबसे व्यस्त मार्ग है। 
-मोदी ने दिसंबर, 2015 में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे की आधारशिला रखी थी। इसके निर्माण की लागत 7,566 करोड़ रुपये थी। 
-इस परियोजना का निर्माण चार खंडों निजामुद्दीन पुल से यूपी बॉर्डर, यूपी बॉर्डर से डासना, डासना से हापुड़ और हापुड़ से मेरठ में किया गया है। 

-इसके अलावा राष्ट्रीय राजमार्ग 24 पर डासना-हापुड़ के 22 किलोमीटर के खंड को छह लेन का करने पर 1,122 करोड़ रुपये की लागत आई है। 

ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे की विशेषताएं

-ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे देश का पहला राजमार्ग है जहां सौर ऊर्जा से सड़क रोशन होगी। इसके अलावा प्रत्येक 500 मीटर पर दोनों तरफ वर्षा जल संचयन की व्यवस्था होगी। इसके अलावा इसमें 36 राष्ट्रीय स्मारकों को प्रदर्शित किया जाएगा तथा 40 झरने होंगे। इसे रिकॉर्ड 500 दिनों में पूरा किया गया है, इस एक्सप्रेस वे पर आठ सौर संयंत्र हैं। जिनकी क्षमता चार मेगावाट है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस परियोजना के लिए आधारशिला पांच नवंबर 2015 को रखी थी।

135 किमी लंबे इस एक्सप्रेसवे की सबसे खास बात यह है कि इसका काम 500 रेकॉर्ड दिनों में पूरा किया गया है। पीएम मोदी आज बागपत में एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्र को समर्पित करेंगे। 
- यह एक्सप्रेसवे गाजियाबाद, फरीदाबाद, पलवल और ग्रेटर नोएडा के बीच सिग्नल फ्री कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। 
- 11,000 करोड़ रुपये से बनने वाला यह एक्सप्रेसवे छह लेन को होगा। यही नहीं यह एक्सप्रेसवे इंटेलिजेंट हाइवे ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम और विडियो इन्सिडेंट डिटेक्शन सिस्टम से लैस होगा। 

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad