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अजीब विरोधाभास, सड़कों में गड्ढों का विरोध करने के लिए सड़क ही तोड़ने लगे मनसे कार्यकर्ता

विरोध करने के कई तरीके होते हैं। लेकिन जिस बात का विरोध आप कर रहे हैं वही खुद करने लगें तो? महाराष्ट्र...
अजीब विरोधाभास, सड़कों में गड्ढों का विरोध करने के लिए सड़क ही तोड़ने लगे मनसे कार्यकर्ता

विरोध करने के कई तरीके होते हैं। लेकिन जिस बात का विरोध आप कर रहे हैं वही खुद करने लगें तो?

महाराष्ट्र में सड़कों के गड्ढे इन दिनों अहम मुद्दा है। ठाणे, नवी मुंबई और मुंबई में कथित तौर पर सड़क पर बने गड्ढों की वजह से अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है।

इसका विरोध जताने के लिए सोमवार को राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ता मुंबई में मंत्रालय के सामने की सड़क तोड़ने लगे। अपने उग्र रवैये के लिए यह पार्टी पहले भी चर्चा मे रही है। सड़कों में गड्ढों का विरोध करने के ‌लिए सड़कों को ही तोड़ना अजीब विरोधाभास है। ‘आयरनी’ ने भी दो पल ठहरकर इस बारे में सोचा होगा।

पीडब्ल्यूडी ऑफिस में भी तोड़फोड़

यही नहीं, उन्होंने नवी मुंबई स्थित पीडब्लूडी (लोक निर्माण विभाग) के सड़क निर्माण कार्यालय में जाकर जमकर तोड़फोड़ और हंगामा भी किया। करीब आधा दर्जन मनसे कार्यकर्ताओं ने पीडब्लूडी दफ्तर में रखे फर्नीचर को भी नुकसान पहुंचाया। कार्यकर्ताओं ने कंप्यूटर के अलावा ऑफिस में लगे एलईडी टेलिविजन को भी उठाकर फेंक दिया। ऑफिस में जमकर तोड़फोड़ करने के बाद एमएनएस कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए वहां से चले गए।

मनसे नेताओं ने आंदोलन जारी रखने की दी चेतावनी

तोड़फोड़ के बाद मनसे  नेताओं ने कहा, ‘अब तक नवी मुंबई, ठाणे, कल्याण और भिवंडी में सड़क पर बने गड्ढों में गिरकर  6 लोगों की मौत हो चुकी है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बारिश के बाद सड़कें पूरी तरह गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। कई बार विरोध के बाद भी प्रशासन सचेत नहीं हुआ और ये गड्ढे लगातार जान ले रहे हैं। इसीलिए सरकार और प्रशासन को जगाने के लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने एक बार फिर अपने तरीके से आंदोलन शुरू किया है। ऐसा आंदोलन तब तक चलता रहेगा जब तक शहर से ये जानलेवा गड्ढे खत्म नहीं हो जाते।‘

मंत्री ने कहा- सड़क के गड्ढों की वजह से नहीं हुई मौत

महाराष्ट्र के सड़क निर्माण मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा है कि इन मौतों के लिए गड्ढों को जिम्मेदार नहीं कहा जा सकता। मुंबई में हर रोज लाखों लोग ट्रेवल करते हैं उन्हें तो कुछ नहीं होता। जिन लोगों की मौत हुई है एक हादसे के शिकार हो गए हैं। जिनके लिए सरकार की सहानुभूति है और कहीं कोई दोषी है तो उसपर भी कार्रवाई जरूर होगी।


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