Advertisement

पैदल चलते श्रमिकों का हाल- महिला ने सड़क पर दिया बच्चे को जन्म; तेलंगाना में 300 किमी चलने के बाद मजदूर की मौत

कोरोना महामारी को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान बेरोजगारी और बेबसी ने मजदूरों को मजबूर बना दिया...
पैदल चलते श्रमिकों का हाल- महिला ने सड़क पर दिया बच्चे को जन्म; तेलंगाना में 300 किमी चलने के बाद मजदूर की मौत

कोरोना महामारी को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान बेरोजगारी और बेबसी ने मजदूरों को मजबूर बना दिया है। लॉकडाउन के दौरान जहां-तहां फंसे प्रवासी श्रमिक कोई चारा न दिखने के बाद अपने घरों तक पहुंचने के लिए पैदल ही दूरी तय कर रहे हैं। इस बीच कई दर्दनाक खबरें सामने आ रही हैं। इस दौरान एक रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई है, जब अपने घर के लिए पैदल निकली एक गर्भवती महिला ने सड़क के किनारे बच्चे को जन्म दिया और बच्चे के पैदा होने के एक घंटे बाद ही वो 150 किलोमीटर का सफर तय कर अपने घर पहुंची। वहीं, दूसरा दर्दनाक मामला हैदराबाद का है, जहां से ओडिशा के लिए पैदल निकले एक प्रवासी मजदूर की रास्ते में ही मौत हो गई। आशंका जताई जा रही है कि मजदूर की मौत लू लगने से हुई है।

महिला ने सड़क के किनारे बच्चे को जन्म फिर तय किया 150 किमी. का सफर

दरअसल, पहला मामला मध्यप्रदेश का है, जहां नासिक से सतना अपने घर के लिए पैदल निकली एक गर्भवती महिला ने सड़क के किनारे बच्चे को जन्म दिया। महिला ने बच्चे के पैदा होने के करीब एक घंटे बाद ही 150 किलोमीटर का सफर तय कर अपने घर पहुंची। फिलहाल जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं। इस घटना की जानकारी देते हुए बड़वानी जिले स्थित सेंधवा ग्रामीण हिपुलिस थाना प्रभारी वी एस परिहार ने बताया कि इस महिला की पहचान शकुंतला के रूप में की गई है। इस महिला की यह पांचवीं संतान है और जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

लॉकडाउन के बीच वापस लौट रहे थे सतना से गए मजदूर

थाना प्रभारी ने बताया कि महाराष्ट्र के नासिक के पास के गांव में मध्यप्रदेश के सतना से गए मजदूर लौट रहे थे, जिसमें 30 वर्षीय गर्भवती महिला शकुंतला भी अपने पति एवं चार बच्चों के साथ सतना के समीप ग्राम उचेरा के लिए निकली थी। परिहार ने बताया कि सफर के दौरान नासिक और धूलिया के बीच महाराष्ट्र स्थित ग्राम पिपरी में शकुंतला को प्रसव पीड़ा होने लगी, जिसके बाद साथ में ही चल रही अन्य महिलाओं ने सड़क किनारे ही साड़ियों की आड़ कर शकुंतला को प्रसव कराया और उसने एक बच्ची को जन्म दिया। यह घटना चार दिन पहले की है।' उन्होंने कहा कि लेकिन सफर काफी लंबा और कठिनाइयों से भरा था, जिसके चलते प्रसव के मात्र एक घंटे बाद ही महिला अपने पति राकेश और पांच बच्चों के साथ एक बार फिर से सफर पर निकल पड़ी और महाराष्ट्र की सीमा पार कर करीब 210 किलोमीटर की दूरी पैदल ही चल कर शनिवार को मध्य प्रदेश में आ गए।

परिहार ने बताया कि जब महाराष्ट्र की सीमा पार कर मध्य प्रदेश स्थित बिजासन चौकी पर अन्य प्रवासी मजदूरों की मेडिकल जांच की जा रही थी, तो इसी दरमियान पुलिस की नजर इस महिला पर पड़ी और उसने पूछताछ करने पर सारी घटनाक्रम का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि इसके बाद हमने शकुंतला, उसके पति एवं नवजात शिशु सहित पांचों बच्चों को एकलव्य छात्रावास में पहुंचाया, जहां उनके रुकने और खाने की व्यवस्था के साथ ही उन्हें उनके गांव छोड़ने के लिए बस की व्यवस्था भी कराई है।

हैदराबाद से ओडिशा के बीच का सफर तय करने वाले मजदूर ने रास्ते में तोड़ा दम

हैदराबाद से पैदल निकला शख्स ओडिशा का ही रहने वाला था, जिसकी रास्ते में मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि प्रवासी मजदूरों का समूह ओडिशा के मलकानगिरी जाने के लिए रविवार को हैदराबाद से पैदल निकला था। अधिकारी ने बताया कि जब समूह मंगलवार को भद्राचलम पहुंचा, तो एक प्रवासी मजदूर के सीने में दर्द की शिकायत की और उसने उल्टी की। इसके बाद वह बेहोश होकर सड़क पर गिर पड़ा। उसके मित्रों ने पुलिस को इस बारे में सूचित किया, जिसने उसे भद्राचलम के अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। अस्पताल के चिकित्सकों ने बताया कि व्यक्ति की मौत संभवत: लू लगने से हुई, क्योंकि उसकी त्वचा और मुंह सूखा हुआ था।

310 किमी. चला था मजदूर

डॉक्टर ने व्यक्ति के मित्रों के हवाले से बताया कि उनमें से किसी भी व्यक्ति ने सोमवार दोपहर के बाद से कुछ भी नहीं खाया था। अधिकारियों ने व्यक्ति के परिजन को उसकी मौत की सूचना दी और शव को मलकानगिरी ले जाने के लिए एक वाहन का प्रबंध किया। हैदराबाद और भद्राचलम के बीच सड़क से दूरी 310 किलोमीटर है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad