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21 विपक्षी दलों की वीवीपैट पर्चियों के मिलान वाली याचिका पर सुनवाई को तैयार सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट 21 विपक्षी पार्टियों की उस पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है जिसमें...
21 विपक्षी दलों की वीवीपैट पर्चियों के मिलान वाली याचिका पर सुनवाई को तैयार सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट 21 विपक्षी पार्टियों की उस पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है जिसमें उन्होंने मांग की थी कि 50 फीसदी ईवीएम वोटों और वीवीपैट पर्ची का मिलान किया जाए और इस बारे में चुनाव आयोग को निर्देश जारी किये जाएं।  इस मामले पर अब अगले सप्ताह सुनवाई होगी।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आठ अप्रैल को वीवीपैट की पर्ची एक के बजाय पांच ईवीएम प्रति विधानसभा मिलाने का आदेश दिया था। आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू समेत 21 विपक्षी दलों के नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर वीवीपैट और ईवीएम के मिलान को पांच गुना बढ़ाने के आदेश में बदलाव करने की गुहार लगाई थी। 

लोकसभा चुनाव के तहत इस बार 7 चरणों में चुनाव होने हैं और चार चरण के चुनाव पूरे भी हो चुके हैं। पहली बार पूरे लोकसभा चुनाव में वीवीपैट का इस्तेमाल हो रहा है। अभी तक वीवीपैट का इस्तेमाल कुछ उपचुनाव में ही होता रहा है।

पहले आयोग ने जताई थी असमर्थता

 इससे पहले भी विपक्षी दलों ने याचिका दाखिल कर मांग की थी कि 50 फीसदी वीवीपैट पर्चियों का ईवीएम से मिलान कराया जाए। कोर्ट ने वीवीपैट पर्चियों का मिलान अनुपात बढ़ाए जाने पर चुनाव आयोग से स्पष्ट जवाब भी मांगा था। जिसके बाद आयोग ने कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि मौजूदा व्यवस्था ठीक है, इसमें बदलाव की जरूरत नहीं है। अगर 50 फीसदी पर्चियों के मिलान की मांग मानी गई तो चुनाव परिणाम आने में कम से कम छह दिनों का समय लगेगा।

विपक्षी दल कई बार उठा चुके हैं गड़बड़ी का मुद्दा

कई विपक्षी दलों ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईवीएम में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया था। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, टीडीपी, टीएमसी समेत अन्य पार्टियों के नेता शामिल थे। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि पूरे भारत में ईवीएम या तो गड़बड़ हैं या फिर भाजपा के पक्ष में वोट डाल रही हैं। अखिलेश ने कहा, 'मशीनें खराब होंगी तो लोकतंत्र कैसे मजबूत होगा। मैं चाहता हूं कि बिना मशीनें खराब हुए वोटिंग पूरी हो।'

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