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चक्रवात अम्फान से चार की मौत, प. बंगाल में 160 किमी की रफ्तार से चल रही हवा, 6.5 लाख लोग सुरक्षित ठिकानों पर

चक्रवाती तूफान अम्फान की चपेट में आकर पश्चिम बंगाल में शाम छह बजे तक कम से कम दो लोगों की मौत हो गई।...
चक्रवात अम्फान से चार की मौत, प. बंगाल में 160 किमी की रफ्तार से चल रही हवा, 6.5 लाख लोग सुरक्षित ठिकानों पर

चक्रवाती तूफान अम्फान की चपेट में आकर पश्चिम बंगाल में शाम छह बजे तक कम से कम दो लोगों की मौत हो गई। ओडिशा में भी दो लोगों की मौत हुई है। सैकड़ों कच्चे घर गिरने की खबरें हैं। तूफान बुधवार दोपहर ढाई बजे पश्चिम बंगाल के सुंदरबन इलाके में पहुंचा। मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि इस समय पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में तूफान की गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई है। चक्रवात 25 से 30 किमी की गति से आगे बढ़ रहा है। तूफान के कारण समुद्र में उठने वाली लहरों से उत्तर और दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर के निचले इलाके डूब सकते हैं। एडीआरएफ के महानिदेशक एसएन प्रधान के अनुसार पश्चिम बंगाल में पांच लाख और ओडिशा में 1.5 लाख लोगों को सुरक्षित जगहों तक पहुंचाया गया है। ओडिशा में इसकी 20 टीमें तैनात की गई हैं। पश्चिम बंगाल में 19 टीमें तैनात हैं और दो स्टैंडबाय में रखी गई हैं। महापात्र के अनुसार तूफान 21 मई को असम और मेघालय पहुंचेगा। वहां भी भारी बारिश के आसार हैं।

मौसम विभाग के अनुसार चक्रवाती तूफान का दायरा काफी बड़ा है और अभी इसका शुरुआती हिस्सा ही तट पर पहुंचा है। इसे पूरी तरह पार करने में करीब चार घंटे लगेंगे। चक्रवात के बीच में हवा की गति 190 किमी तक जा सकती है। चक्रवाती तूफान को देखते हुए राहत कार्यों के लिए भारतीय नेवी हाई अलर्ट पर है। कोलकाता हवाई अड्डे को गुरुवार की सुबह पांच बजे तक के लिए बंद कर दिया गया है।

पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में सुबह से बारिश हो रही है। समय बीतने के साथ यहां हवा की गति और बारिश की भीषणता बढ़ती जा रही है। कोलकाता शहर में तूफान और बारिश का पूरा असर शाम पांच बजे के बाद दिखने की आशंका है। चार बजे के आस-पास यहां 100 किमी से ज्यादा रफ्तार से आंधी चल रही थी। यहां वाहनों के आवागमन के लिए सभी फ्लाईओवर और एलिवेटेड कॉरिडोर बंद कर दिए गए हैं। मौसम विभाग के अनुसार यहां आधी रात तक तूफान का असर रह सकता है।

विशाखापत्तनम में नेवी के जहाज तैयार 

भारतीय नेवी के अनुसार पूर्वी नेवल कमान बंगाल की खाड़ी में हालात पर नजर रखे हुए है और विशाखापत्तनम में जलयानों को प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य, बचाव और परिवहन संबंधी आवश्यकता को पूरा करने के लिए तैयार रखा गया है। इसके लिए नेवी ने गोताखोरों, डॉक्टरों, रबर बोट, खाद्य सामग्री, दवाइयां, कपड़े, कंबल आदि की अतिरिक्त व्यवस्था की है।

पश्चिम बंगाल में सबसे बड़ा अभियान

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि तूफान की भयावहता को देखते हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने के लिए अब तक का सबसे बड़ा अभियान चलाया है। राहत और बचाव कार्यों के लिए पश्चिम बंगाल में नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) की 19 टीमें तैनात की गई हैं। इनमें से छह टीमें दक्षिण 24 परगना, चार-चार टीमें पूर्वी मिदनापुर और कोलकाता, तीन टीमें उत्तरी 24 परगना और एक-एक टीम हुगली और हावड़ा में तैनात की गई है।

ओडिशा के 13 जिलों में ज्यादा खतरा

ओडिशा में अम्फान की चपेट में नौ जिले आए हैं। यहां दो लोगों की मौत हुई है। यहां 1.5 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। तूफान के कारण पुरी, खुरदा, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, गंजम, भद्रक और बालासोर में भारी बारिश और तेज हवाएं चल रही हैं। कुछ जगहों पर हवा की गति 125 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई। इस प्राकृतिक आपदा को देखते हुए राज्य के प्रभावित जिलों में 1704 शरणार्थी शिविर बनाए गए हैं।

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