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वेल्लोर सीट पर चुनाव रद्द करने के फैसले पर रोक लगाने की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज

  तमिलनाडु की वेल्लोर लोकसभा सीट पर चुनाव रद्द करने के फैसले पर रोक लगाने की याचिका मद्रास हाईकोर्ट...
वेल्लोर सीट पर चुनाव रद्द करने के फैसले पर रोक लगाने की याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज

 

तमिलनाडु की वेल्लोर लोकसभा सीट पर चुनाव रद्द करने के फैसले पर रोक लगाने की याचिका मद्रास हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है तथा चुनाव आयोग के फैसले को बरकरार रखा है। आल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के सहयोगी और वेल्लोर सीट से उम्मीदवार एसी षणमुगम और निर्दलीय कैंडिडेट के सुगुमार ने हाईकोर्ट में याचिका कर चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। षणमुगम एआईएडीएमकी के दो पत्ती सिंबल पर इस सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।

वेल्लोर लोकसभा सीट पर मंगलवार को चुनाव रद्द कर दिया गया था। चुनाव रद्द करने की सिफारिश चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति को भेजी थी जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी। द्रमुक उम्मीदवार के कार्यालय से कुछ दिन पहले कथित रूप से भारी मात्रा में नकदी बरामद होने के बाद यह फैसला लिया गया। इस सीट पर 18 अप्रैल को मतदान होना था।

आयकर की छापेमारी में मिली थी नकदी

जिला पुलिस ने आयकर विभाग की शिकायत पर आरोपी उम्मीदवार कथिर आनंद और पार्टी के दो अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की है। कथिर आनंद पार्टी के वरिष्ठ नेता दुरई मुरुगन के बेटे हैं। 30 मार्च को आयकर विभाग के अधिकारियों ने दुरई मुरुगन के घर पर चुनाव में अवैध पैसों के इस्तेमाल की शिकायत पर छापेमारी की थी और कथित तौर पर 10.50 लाख रुपये बरामद किये थे। वहीं, दो दिनों बाद दावा किया गया कि एक डीएमके नेता के ही गोदाम से 11.53 करोड़ रुपये बरामद किये गए।

इन नेताओं पर आयोग ने दिखाई सख्ती

 इससे पहले आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर चुनाव आयोग ने चार नेताओं पर उनके बयानों को लेकर कड़ी सख्ती दिखाई है। चुनाव आयोग ने योगी आदियत्यनाथ पर 3 दिन और मायावती पर 2 दिन के लिए चुनाव प्रचार, भाषण और बयानबाज़ी करने पर रोक लगा दी। दोनों नेताओं पर चुनाव आयोग का प्रतिबंध 16 अप्रैल सुबह 6 बजे से लागू हो गया है। वहीं इसके बाद आयोग ने आजम खान और मेनका गांधी के चुनाव प्रचार पर भी रोक लगा दी। आजम खान के चुनाव प्रचार पर 72 घंटे और मेनका गांधी के चुनाव प्रचार पर 48 घंटे के लिए बैन लगा दिया है। चुनाव आयोग ने संविधान के अनुच्छेद 324 के तहत प्रदत्त अधिकारों को इस्तेमाल करते हुये दोनों नेताओं के रवैये की आलोचना करते हुये देश में कहीं भी प्रचार अभियान में हिस्सा लेने से रोका है।

 

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