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ईवीएम ले जाने में लापरवाही को लेकर अफसरों पर गिर सकती है गाज

उत्तर प्रदेश में ईवीएम को लाने और ले जाने में बरती गई लापरवाही पर अफसरों पर आयोग का शिकंजा कस सकता है।...
ईवीएम ले जाने में लापरवाही को लेकर अफसरों पर गिर सकती है गाज

उत्तर प्रदेश में ईवीएम को लाने और ले जाने में बरती गई लापरवाही पर अफसरों पर आयोग का शिकंजा कस सकता है। इस बाबत यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंक्टेश्वर लू ने गाजीपुर, चन्दौली, डुमरियागंज और झांसी की रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेज दी है। मामले में अब आयोग फैसला ले सकता है।

उत्तर प्रदेश में ईवीएम की शिफ्टिंग को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कहीं दूरबीन से स्ट्रांग रूम की निगरानी की जा रही है तो कहीं स्ट्रांग रूम के आसपास घेरेबंदी की गई है। जिलों से शुरू हुआ विवाद राजधानी तक पहुंच गया।

मंगलवार को समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमण्डल ने राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंकटेश्वर लू को ज्ञापन सौंपकर मऊ जिले में लोकसभा क्षेत्र घोसी के चुनाव में प्रयोग हुई ईवीएम के साथ जिला प्रशासन द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत की थी।

सपा के ज्ञापन में कहा गया था कि मऊ जिला प्रशासन द्वारा ईवीएम की सुरक्षा के लिए मात्र दो व्यक्तियों को अनुमति दी गई है, जबकि मंडी स्थल पर तीन गेट हैं जिनकी 8-8 घंटे सुरक्षा के लिए 36 व्यक्तियों की आवश्यकता है, लेकिन इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है। यह गंभीर स्थिति है। प्रतिनिधिमंडल ने भाजपा के इशारे पर ईवीएम मशीनों में छेड़छाड़ और पुलिस अधीक्षक मऊ के कृत्य की जांच और आवश्यक कार्यवाही किए जाने की मांग की थी।

विपक्षी परेशान, भाजपा बेखौफ

ईवीएम को बदले जाने के भय से विपक्षी नेता घबराए हुए हैं, जबकि भाजपा नेता बेखौफ हैं। इस बारे में भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेयी कहते हैं कि ईवीएम को बदले जाने का खौफ नहीं, उन्हें हारने का खौफ है। इसलिए ईवीएम पर निशाना साध रहे हैं, जबकि सपा के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र चौधरी का कहना है कि विपक्ष जनता की आवाज को उठा रहा है। लोकतंत्र में जो राजनीतिक दल हैं वह जनता की आवाज हैं। इसलिए ईवीएम की संवेदनशीलता को आयोग को भी समझना चाहिए।

ईवीएम के बारे में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. बीडीआर तिवारी ने बताया कि ईवीएम को लेकर जहां से भी शिकायतें आई हैं, उसकी रिपोर्ट मंगाकर हमने चुनाव आयोग को भेज दी है। अब आयोग को गुण दोष के आधार पर फैसला लेना है।

चुनाव आयोग का दावा

मुख्य निर्वाचन अधिकारी एल वेंक्टेश्वर लू के मुताबिक, आयोग के संज्ञान में यह आया है कि प्रदेश के गाजीपुर, चन्दौली, डुमरियागंज और झांसी जिले में रिजर्व ईवीएम के परिवहन और भण्डारण को लेकर कुछ वीडियो क्लिप्स/समाचार, विशेषकर सोशल मीडिया पर प्रसारित हुए हैं। इन मामलों में सम्बन्धित जिला निर्वाचन अधिकारी/रिटर्निंग आफीसर से विस्तृत आख्या प्राप्त की गई। वास्तविक तथ्य इस प्रकार हैः

गाजीपुर- गाजीपुर में एक प्रत्याशी द्वारा, मतदान में प्रयुक्त हुई ईवीएम के स्ट्रांग रूम की निगरानी के लिए, पहले यह मांग की गई कि उनके पांच प्रतिनिधियों को, फिर तीन प्रतिनिधियों को, फिर दो प्रतिनिधियों को 8-8 घंटे की शिफ्ट में रहने की अनुमति दी जाए। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा सभी प्रत्याशियों को समान अवसर के सिद्धांत के तहत प्रत्येक स्ट्रांग रूम की निगरानी के लिए प्रत्येक शिफ्ट में प्रत्येक प्रत्याशी का एक प्रतिनिधि अनुमन्य होगा, ताकि सुरक्षा की दृष्टि से अधिक संख्या में लोगों की भीड़ को टाला जा सके। जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा की गई इस व्यवस्था से संबंधित प्रत्याशी सहमत हुए और उनके प्रतिनिधि दी गई व्यवस्थानुसार स्ट्रांग रूम की निगरानी कर रहे हैं। मतदान में प्रयुक्त हुई मशीनों के स्ट्रांग रूम की सुरक्षा केन्द्रीय पुलिस बल द्वारा 24 घंटे की जा रही है।

चन्दौली- रिजर्व/अप्रयुक्त ईवीएम और वीवीपैट, सभी राजनैतिक दलों/प्रत्याशियों को पूर्व में सूचित करते हुए, परिसर में निर्धारित स्ट्रांग रूम में रखी जा रही थीं। एक राजनैतिक दल के प्रतिनिधियों द्वारा इसका विरोध किया गया और यह मांग की गई कि रिजर्व/अप्रयुक्त ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को कलेक्ट्रेट कार्यालय में स्थानांतरित किया जाए। इस प्रकार इस रिजर्व/अप्रयुक्त ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को कलेक्ट्रेट कार्यालय में सभी संबंधित के समक्ष रखवाया गया, जिस पर संबंधित राजनैतिक दल के प्रतिनिधियों द्वारा लिखित रूप में पूरी प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया गया। मतदान में प्रयुक्त हुई मशीनों के स्ट्रांग रूम की सुरक्षा केन्द्रीय पुलिस बल द्वारा 24 घंटे की जा रही है।

डुमरियागंज(सिद्धार्थनगर)- यह प्रकरण 13 मई को सिद्धार्थनगर से मतदान में अप्रयुक्त/रिजर्व ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को आवश्यकतानुसार अगले चरण के चुनाव वाले जनपदों में स्थानांतरित/परिवहन करने से संबंधित है। कुछ राजनैतिक दलों द्वारा स्थानांतरण/परिवहन का विरोध किया गया। जिला निर्वाचन अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद इन राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों ने चुनाव में प्रयुक्त हुई ईवीएम और वीवीपैट के स्ट्रांग रूम का मौके पर निरीक्षण किया गया और प्रक्रिया पर संतोष व्यक्त किया गया। अप्रयुक्त/रिजर्व ईवीएम, वीवीपैट मशीनों की संख्या और सूची प्रत्याशियों/राजनैतिक दलों को दी गई है। मतदान में प्रयुक्त हुई मशीनों के स्ट्रांग रूम की सुरक्षा केन्द्रीय पुलिस बल द्वारा निरन्तर 24 घंटे की जा रही है।

झांसी- यह प्रकरण सिटी मजिस्ट्रेट, झांसी के वाहन में रखी ईवीएम से संबंधित है। यह मतदान में अप्रयुक्त ईवीएम थी और मतदान के बाद 29/30 अप्रैल को संबंधित स्ट्रांग रूम में वापस रखने के लिए ले जाई जा रही थी। यह पूरी प्रक्रिया प्रत्याशियों के समक्ष पूरी की गई जिस पर उनके द्वारा संतोष व्यक्त किया गया। मामले की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा तत्समय ही तत्काल मीडिया को दी गई थी।

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