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जानें, किस बीमारी से जूझ रहे हैं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी

नौ सप्ताह से एम्स में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी की हालत काफी गंभीर बनी हुई है।...
जानें, किस बीमारी से जूझ रहे हैं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी

नौ सप्ताह से एम्स में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वायपेयी की हालत काफी गंभीर बनी हुई है। उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया है। पिछले 48 घंटों से उनकी सेहत में लगातार गिरावट हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत तमाम नेताओं ने देर रात तक एम्स पहुंचकर उनका हाल जाना। हालांकि गुरूवार को भी भाजपा समेत अन्य राजनीतिक दलों के लोग उनसे मिलने और उनके कुशलक्षेम को जानने एम्स पहुंच रहे हैं।

इस बीमारी से जूझ रहे हैं वाजपेयी

डॉक्टरों ने बताया कि पिछले 24 घंटे से उनकी तबीयत में लगातार गिरावट हो रही है। वाजपेयी किडनी में संक्रमण, छाती में संकुलन और पेशाब कम होने के चलते 11 जून से एम्स में भर्ती हैं। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी साल 2009 से ही डिमेंशिया से पीड़ित है।

 

इस बीमारी के चलते अक्सर व्यक्ति अपने रोजमर्रा के काम ठीक से नहीं कर पाता है। उसकी याददाश्त इतनी कमजोर हो जाती है कि वो कभी-कभी अपना नाम, साल और महीना तक भूल जाता है। इस बीमारी की वजह से व्यक्ति बोलते वक्त शब्द तक भूल जाता है।

डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति के मूड में भी बार-बार बदलता रहता है। उम्र बढ़ने की वजह से अक्सर लोग इसके शिकार हो जाते हैं। इस बीमारी के चलते व्यक्ति को नाम, जगह, तुरंत की गई बातचीत को याद रखने में परेशानी होने लगती है। उसके व्यवहार में बदलाव होने लगता है। चलने-फिरने में परेशानी होने लगती है। यहां तक की व्यक्ति ठीक से काना तक नहीं खा पाता है। ये बीमारी दूसरी बीमारियों की वजह बनती है।

कॉर्डियो न्यूरो सेंटर में भर्ती हैं वाजपेयी

एम्स के डॉयरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही है। वाजपेयी एम्स के कॉर्डियो न्यूरो सेंटर में भर्ती हैं।

इस बीमारी के ये हैं लक्षण

अधिकतर डिमेंशिया के केस में 60 से 80 प्रतिशत मामले अल्जाइमर के होते हैं। डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्ति के मूड में भी बार-बार बदलाव आता रहता है।

- इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति को अक्सर नाम, जगह, तुरंत की गई बातचीत को याद रखने में परेशानी।

- व्‍यक्ति का अवसाद से पीड़ित होना। दूसरों के साथ बातचीत करने में दिक्कत होना।

- अचानक से व्यवहार में बदलाव आना।

- खाना खाने और चलने फिरने में भी परेशानी होना।

- कुछ सोच-समझ ना पाना, चीजों को इधर-उधर रख देना फिर भूल जाना।

 

  

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