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कमलेश तिवारी हत्याकांड के दोनों मुख्य आरोपी गिरफ्तार, गुजरात एटीएस ने किया गिरफ्तार

कमलेश तिवारी हत्याकांड में गुजरात एटीएस को सफलता हाथ लगी है। कमलेश तिवारी हत्याकांड दोनों फरार...
कमलेश तिवारी हत्याकांड के दोनों मुख्य आरोपी गिरफ्तार, गुजरात एटीएस ने किया गिरफ्तार

कमलेश तिवारी हत्याकांड में गुजरात एटीएस को सफलता हाथ लगी है। कमलेश तिवारी हत्याकांड दोनों फरार हत्यारोपी मोइनुद्दीन और अशफाक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, कमलेश की हत्या की साजिश रचने के आरोप में पकड़े गए तीनों साजिशकर्ताओं मौलाना मोहसिन शेख, राशिद पठान उर्फ रशीद और फैजान को विशेष रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने पेशी हुई। तीनों आरोपियों को 4 दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड में भेजा गया। इन लोगों से सोमवार सुबह 11 बजे से ही पूछताछ शुरू कर दी गई थी। एटीएस, एसटीएफ, एसआईटी और खुफिया विभाग के अफसरों ने तीनों से अलग-अलग दर्जनों सवाल पूछे। इनसे अशफाक और मोइनुद्दीन के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी मांगी गई।

'इस खुलासे से पुलिस भी हैरान'

खुफिया एजेन्सियों को इस बात के भी सबूत मिले हैं कि हत्यारों ने पहले कमलेश तिवारी को सूरत में ही मारने का प्लान बनाया था। 18 अक्तूबर को हत्या से करीब 15 दिन पहले सूरत में साजिशकर्ताओं ने अंतिम बैठक की थी जिसमें कमलेश तिवारी को किसी बहाने से सूरत बुलाने को कहा गया था। फिर सूरत में ही उनकी हत्या करने की साजिश थी लेकिन बाद में प्लान बदल दिया गया।  

'रशीद से पूछा कि वीडियो में क्या दिखायाट'

एसआईटी ने सबसे ज्यादा सवाल मुख्य साजिशकर्ता रशीद से पूछे। उससे पूछा गया कि कौन सा वीडियो दिखाया था अशफाक को। उसे कैसे तैयार किया इस हत्या के लिये। हालांकि इस पर रशीद गोलमोल जवाब देता रहा। सूत्रों का कहना है कि उसके मोबाइल से कोई ऐसा वीडियो नहीं मिला है। इस पर उसके मोबाइल से डिलीट हुई फोटो और वीडियो को रिकवर करने के लिये विशेषज्ञों से मदद ली जा रही है।

'मिठाई का डिब्बा भेजने के पीछे क्या वजह' 

यह भी सवाल किया गया कि सूरत से मिठाई का डिब्बा बिल पर्ची के साथ भेजने के पीछे क्या मकसद था। साथ ही हर जगह मूल आईडी का इस्तेमाल करने के लिये कहा गया था या दोनों ने खुद ही ऐसा किया। फैजान ने तो कुछ नहीं बोला लेकिन रशीद यह कहता रहा कि उसका साजिश से कोई मतलब नहीं।

कुछ और साक्ष्य मिलने का दावा

पुलिस अधिकारी भले ही कुछ नहीं बोल रहे हैं लेकिन सूत्र कहते हैं कि तीनों ने पहले तो अफसरों को बहुत उलझाया। बाद में सर्विलांस से मिली कॉल डिटेल, लोकेशन और अन्य सुबूतों के सामने उनका झूठ पकड़ में आता गया। इसके बाद कई सवालों के जवाब उन्होंने दिये जिससे पुलिस को इस हत्याकाण्ड से जुड़े कुछ और साक्ष्य भी मिले।

एसएसपी आवास पर घंटों मंत्रणा

एसआईटी के प्रभारी आईजी एसके भगत ने एसएसपी आवास पर सभी 10 टीमों के प्रभारियों के साथ अब तक की प्रगति की जानकारी ली।  इस दौरान अब अन्य जिलों से मिले तथ्यों के बारे में भी चर्चा हुई। साथ ही दो टीमों में कुछ और पुलिसकर्मी तैनात करने की बात कही गई। इस दौरान एसआईटी ने कानपुर, हरदोई, शाहजहांपुर से लाये गए तीन संदिग्ध लोगों से भी पूछताछ की गई। इनमें कानपुर के उस स्टोर के कर्मचारी भी थे जहां से आरोपियों ने सिम कार्ड खरीदा था।

 

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